नारी डेस्क : इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 16 अगस्त 2025, शनिवार को पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह दिन न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी इस दिन एक दुर्लभ शुभ योग बन रहा है, जो कुछ राशियों के लिए अत्यंत फलदायक सिद्ध हो सकता है।
क्या है इस बार का विशेष योग?
2025 की जन्माष्टमी पर शनि और गुरु की युति के साथ-साथ विशेष नक्षत्र और तिथि का संयोग बन रहा है। यह योग बेहद शुभ माना गया है, खासतौर पर धन, करियर, शिक्षा और नए कार्य की शुरुआत के लिए। इस तरह का संयोग वर्षों बाद बन रहा है, और इसका प्रभाव कुछ खास राशियों पर विशेष रूप से पड़ेगा। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो राशियां जिनकी किस्मत इस जन्माष्टमी पर चमक सकती है।

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए इस बार की जन्माष्टमी बेहद शुभ और फलदायक रहेगी। इस पावन दिन ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूलता से आपकी मेहनत और लगन को बड़ी सफलता मिल सकती है।
महत्वपूर्ण बातें
व्यापार में लाभ: व्यापारिक गतिविधियों में नए अवसर खुलेंगे, जिससे आय के स्रोत मजबूत होंगे। निवेश या नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए यह समय अनुकूल है।
आर्थिक स्थिति: अचानक से आर्थिक लाभ के योग बन रहे हैं, जो आपकी वित्तीय स्थिति को स्थिरता और मजबूती प्रदान करेंगे।
प्रेम जीवन: निजी जीवन में भी मधुरता बनी रहेगी। पारिवारिक और प्रेम संबंधों में आपसी समझ और प्रेम बढ़ेगा।
सफलता की दिशा: आपकी योजनाएं सफल होंगी और मेहनत का फल आपको शीघ्र प्राप्त होगा।
सलाह: इस दिन भगवान कृष्ण की विशेष पूजा करें और भजन-कीर्तन में भाग लें। शुभ मुहूर्त में नए कार्य शुरू करें, खासकर आर्थिक या व्यावसायिक प्रयासों में। सकारात्मक सोच बनाए रखें और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए यह जन्माष्टमी अत्यंत शुभ और लाभकारी साबित होगी। ग्रहों की स्थिति से आपकी मेहनत का फल मिलने के नए द्वार खुलेंगे और जीवन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रगति की ओर बढ़ेंगे।
मुख्य बातें
करियर में सफलता: पुराने अटके हुए कार्य पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। आपकी कड़ी मेहनत और प्रयासों का परिणाम आपको जल्दी ही मिलेगा।
निवेश में लाभ: धन के निवेश से अच्छा लाभ प्राप्त होगा। नए आर्थिक अवसर आपके सामने आएंगे जिनका फायदा उठाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
नई शुरुआत: यह समय किसी नए काम की शुरुआत के लिए बेहद अनुकूल है, जो आपके भविष्य को स्थिर और सफल बनाएगा।
प्रतिष्ठा में वृद्धि: समाज में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आपके विचारों और कार्यों को लोग सराहेंगे।
सलाह: इस शुभ दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें और अपने कार्यों में ईमानदारी और लगन बनाए रखें। नए प्रोजेक्ट या व्यवसाय की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त का लाभ उठाएं। सकारात्मक सोच और धैर्य से हर चुनौती का सामना करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह जन्माष्टमी अत्यंत शुभ सिद्ध होगी। ग्रहों की अनुकूल स्थिति से आपके करियर और व्यवसाय में महत्वपूर्ण प्रगति होगी, जो आपके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आएगी।
मुख्य बातें
नौकरी में उन्नति: मनपसंद नौकरी पाने या प्रमोशन मिलने की संभावना बढ़ रही है। आपके मेहनत और समर्पण का फल मिलने वाला है।
व्यवसाय में लाभ: यदि आप व्यवसाय करते हैं तो कोई बड़ा और महत्वपूर्ण सौदा आपके पक्ष में हो सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी।
नए अवसर: यह समय आपके लिए नए अवसर लेकर आएगा, जिनका सही इस्तेमाल कर आप सफलता के शिखर पर पहुंच सकते हैं।
सफलता और समृद्धि: कुल मिलाकर यह पर्व आपके लिए जीवन में नए सफलताओं के द्वार खोलेगा और आपकी मेहनत रंग लाएगी।
सलाह: इस पावन दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें और अपने कार्यों में ईमानदारी बनाए रखें। अपने संपर्कों और संबंधों को मजबूत करें, क्योंकि ये आपके लिए नए अवसर ला सकते हैं। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और आने वाली चुनौतियों का सामना धैर्य और हिम्मत से करें।

जन्माष्टमी पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, धार्मिक मान्यताओं में वर्णित है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, आधी रात के समय, रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसी कारण हर वर्ष यह पावन पर्व इसी तिथि को बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
जन्माष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ 15 अगस्त 2025 रात 11:49 बजे
अष्टमी तिथि समाप्ति 16 अगस्त 2025 रात 9:34 बजे
चंद्रोदय (चंद्र दर्शन) 16 अगस्त 2025 दोपहर 11:32 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त 2025 रात 12:04 से 12:47 बजे तक
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ 17 अगस्त 2025 शाम 4:38 बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्ति 18 अगस्त 2025 सुबह 3:17 बजे
जन्माष्टमी पर शुभ उपाय
सुबह स्नान कर शिव या विष्णु मंदिर में दर्शन करें। व्रत रखें और कृष्ण जी के भजन-कीर्तन में भाग लें। दूध, दही, फल आदि का भोग लगाएं। नए काम की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त में हाथ बढ़ाएं।