नारी डेस्क: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, गोदावरी और संगम सहित अन्य नदियों में स्नान करने का महत्त्व है। इस दिन दान-पुण्य और स्नान करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना गया है। इस खास मौके पर संतान की इच्छा रखने वाले लोग मिथिलांचल से बहने वाली कमला नदी में स्नान करने जरूर जाते हैं। इस पवित्र नदी को मिथिलांचल क्षेत्र में जीवनदायिनी नदी भी कहा जाता है।
विशेष विधि से किया जाता है स्नान
मान्यता है कि संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी कमला नदी में एक विशेष विधि से स्नान करते हैं, जिसे गठबंधन स्नान कहा जाता है। इस परंपरा में पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ कपड़े या धागे का गठबंधन बांधते हैं और फिर नदी में डुबकी लगाते हैं। यह माना जाता है कि इस स्नान से संतान सुख प्राप्त होता है और दंपति की कामनाएं पूरी होती हैं।
कमला नदी में गठबंधन स्नान के विशेष पहलू
मिथिलांचल की कमला नदी को पवित्र और शक्ति देने वाली माना जाता है। यहां स्नान करने से न सिर्फ मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि भी होती है। गठबंधन का अर्थ पति-पत्नी के बीच के प्रेम और एकता को मजबूत करना है। यह प्रतीक है कि वे अपने जीवन में संतोष और समृद्धि के लिए एक साथ हैं।
पौराणिक मान्यता
कहा जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत प्राचीन काल में हुई थी और यह कई पीढ़ियों से मिथिलांचल क्षेत्र में प्रचलित है। स्थानीय लोग इसे आस्था और विश्वास के साथ निभाते हैं। यह धार्मिक विधि मिथिलांचल में गहरी आस्था का विषय है और यहां के कई परिवारों में इसे संतान प्राप्ति की आशा में नियमित रूप से निभाया जाता है।