बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए जहां कुछ लोग अग्रेंजी दवाओं का सेवन करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाओं पर भरोसा करते हैं। बात अगर होम्योपैथिक मेडिसन की हो तो इसका ट्रीटमेंट दूसरी दवाओं के मुकाबले थोड़ा लंबा होता है। मगर, इससे बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
क्या है होम्योपैथिक दवाएं?
होम्योपैथी दवाएं, प्राकृतिक औषधीयों को मिलाकर बनाई जाती है, जो पौधे, पशु या खनिज पदार्थों को मिलाकर बनाई जाती है। होम्योपैथी में दवा बनाने के लिए ताजी या सूखी जड़ी-बूटियां, सक्रिय चारकोल, सिरका, लहसुन, कैफीन और स्टिंगिंग बिछुआ का यूज किया जाता है। इन पदार्थों से सक्रिय तत्व विशिष्ट तरीकों से निकाले जाते हैं और फिर उन्हें गोलियों, मलहम, जैल और ड्रॉप्स में बदला जाता है।
दो तरह की होती है होम्योपैथिक दवा?
होम्योपैथिक दवा 2 तरह की होती हैं। पहली लोअर पोटेंसी (पोटेंसी का मतलब ‘पावर ऑफ मेडिसिन’), जो एक्यूट डिजीज जैसे सर्दी-जुकाम, एलर्जिक डिजीज (अस्थमा, एक्जिमा) में दी जाती है। दूसरी हायर पोटेंसी, जिसका स्तर 6 से 1 लाख पोटेंसी तक होता है। लोअर पोटेंसी हफ्ते में 4-6 बार और हायर पोटेंसी 7 या 15 दिन लेनी होती है।
किन लोगों पर होता है ज्यादा असर?
होम्योपैथिक दवा का असर उन लोगों पर ज्यादा होता है जो शराब, गुटका, धूम्रपान का सेवन नहीं करते और हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं।
होम्योपैथी कैसे करती हैं काम?
होमियोपैथिक चिकित्सा उन्हीं ऊतकों पर काम करती है, जो रोग से प्रभावित हुए होते हैं। चिकित्सा की यह प्रणाली व्यक्ति की बीमारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने पर केंद्रित होती है।
डॉक्टर की सलाह भी जरूरी
होम्योपैथिक दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। इसके साथ ही सही खान-पान का ध्यान भी रखना चाहिए क्योंकि आपकी जरा-सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं।होम्योपैथिक दवाओं के साथ अदरक, लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
चलिए अब हम आपको बताते हैं दवा लेने के कुछ नियम...
1. दवा को कभी भी खुला ना छोड़ें और होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के दौरान नशीली वस्तुओं से दूर रहें, नहीं तो इनका असर नहीं होगा।
2. कभी भी हाथ में लेकर दवा ना खाएं। इन्हें ढक्कन की मदद से मुंह डालें। इन दवाओं को जीभ के नीचे रखें या चूसें। कभी भी इन्हें पूरी तरह से न निगलें।
3. दवा लेने के करीब 10 मिनट तक कुछ भी खाएं-पीएं नहीं। ब्रश करने से भी बचें।
4. होम्योपैथिक खा रहे है तो कॉफी और चाय से दूरी बना लें।
5. ध्यान रखें कि अपनी डाइट से खट्टी चीजें आउट कर दें क्योंकि इससे दवा अपना असर नहीं दिखा पाती।
अन्य दवाओं से न करें मिक्स
अगर आप हार्ट डिसीज, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज मरीज है या एपिलेप्सी दवा ले रहे हैं तो होम्योपैथीक लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। कभी इन दवा को मिक्स ना करें। साथ ही होम्योपैथी लेते वक्त किसी और दवा का भी सेवन करने से बचे।
होते हैं नुकसान भी...
होम्योपैथी काफी हद तक सुरक्षित है लेकिन हर चीज के फायदों के साथ-साथ उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसे में दवा लेने से पहले आपको विशेषज्ञ से परामर्श करना जरूरी है।
. यह दवाएं किसी आपातकाल स्थिति के समय काम नहीं आती, क्योंकि यह धीरे-धीरे असर करती हैं।
. सर्जरी या अन्य स्थियों में, जब मरीज को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है, तब होमियोपैथी आपकी कोई मदद नहीं कर सकती।
. एनिमिया या आयरन की कमी और अन्य तत्वों की कमी होने पर होमियोपैथी बेअसर साबित होती है।
. इसका ओवर डोज लेने से पेट में इंफेक्शन और अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं।