बसंत के साथ कई त्योहारों की शुरुआत होती है। इस बार बसंत के दिन से ही उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भी होली शुरु होने वाली है। वैसे तो होली में काफी दिन बचे हैं लेकिन ब्रज में होली कुछ दिनों पहले ही शुरु हो जाती है। यह होली सिर्फ एक या दो दिन नहीं बल्कि पूरे 40 दिन तक धूमधाम से मनाई जाती है। होली खेलने के लिए कई श्रद्धालु ब्रज में जाते हैं और अपने आराध्य के साथ होली खेलते हैं।
उड़ाया जाएगा रंग गुलाल
बांके बिहारी मंदिर में इस बार होली बसंत के दिन से ही शुरु होने वाला है। हालांकि हर बार बसंत पंचमी के दिन से ही ब्रज में होली की शुरुआत होती है और 40 दिनों तक होली का महोत्सव ब्रज में चलता है। जिसमें रंग और गुलाल के साथ कान्हा के साथ होली खेली जाती है।
फूलों से सजाया जाएगा मंदिर
बांके बिहारी मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आराध्य के दर्शन करने के लिए जाते हैं। इस दौरान मंदिर को पीले रंग से सजाया जाता है और ठाकुर बांके बिहार जी को भी पीले रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं। कई दिनों पहले ही मंदिर में तैयारियां भी शुरु हो जाती है।
बरसाना, नंद गांव और मथुरा में भी खेली जाती है होली
ठाकुर जी के साथ होली के खेलने की शुरुआत का नजारा देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। मंदिर के प्रांगण में उड़ता गुलाल भक्तों के ऊपर गिरता है तो इसे ईश्वर के प्रसाद के तौर पर समझा जाता है। राधा कृष्ण के प्रेम स्वरुप खेली जाने वाली होली बरसाना, नंद गांव, मथुरा सहित वृंदावन जैसे कई मंदिरों में खेली जाती है।
दुनियाभर में प्रसिद्ध है ब्रज की होली
रंग और गुलाल की होली के साथ इस पर्व पर होलिका दहन के स्थलों पर पेड़ का डांढ़ा भी लगाया जाता है। यह पेड़ की लकड़ी के टुकड़ा होता है, जिसके पास में होलिका सजाई जाती है और होलिका दहन तक हर लकड़ी डाली जाती है। फिर यह उत्सव लगातार 40 दिनों तक चलता है। आपको बता दें कि ब्रज की होली दुनियाभर में बहुत ही मशहूर है। खासकर यहां की लट्ठमार होली देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।