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कोलकाता में कोरोना जैसा वायरस HKU1: छींकने से फैल रहा, लक्षण दिखते ही अस्पताल जाएं

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 17 Mar, 2025 11:58 AM
कोलकाता में कोरोना जैसा वायरस HKU1: छींकने से फैल रहा, लक्षण दिखते ही अस्पताल जाएं

 नारी डेस्क: कोलकाता में एक नया कोरोना जैसा वायरस HKU1 पाया गया है, जो छींकने और खांसी से फैलता है। इस वायरस के लक्षण सामान्य जुकाम जैसे होते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गला खराब, और थकान, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर फेफड़ों की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि आप में इन लक्षणों का सामना हो तो तुरंत अस्पताल जाएं और सावधानी बरतें।

 HKU1 वायरस 

बता दे कि कोलकाता में एक 45 वर्षीय महिला में ह्यूमन कोरोनावायरस HKU1 (HCoV-HKU1) का संक्रमण पाया गया है। वह पिछले 15 दिनों से बुखार, खांसी और सर्दी से परेशान थीं और अब साउथ कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही हैं।  हालांकि, इस वायरस के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी है ताकि समय पर सावधानी बरती जा सके। 

ह्यूमन कोरोनावायरस HKU1 क्या है?

HCoV-HKU1 एक बेटाकोरोनावायरस (Betacoronavirus) परिवार का हिस्सा है, जिसमें SARS और MERS जैसे खतरनाक वायरस भी आते हैं। हालांकि यह COVID-19 (सार्स-कोव-2) जितना खतरनाक नहीं है, यह सामान्यतः हल्के श्वसन संक्रमण का कारण बनता है।

HCoV-HKU1 के लक्षण

HCoV-HKU1 के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, और मरीज बिना इलाज के ठीक हो सकता है। हालांकि बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में संक्रमण गंभीर हो सकता है। इसके लक्षण में शामिल हैं-

लगातार खांसी

बहती नाक या नाक बंद होना

गला खराब या खराश

बुखार

छींक आना

थकान और कमजोरी

सिरदर्द

गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई और निमोनिया या ब्रोंकाइटिस

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किन लोगों को ज्यादा खतरा है?

हालांकि यह वायरस COVID-19 जितना खतरनाक नहीं है, फिर भी कुछ लोग इसके लिए ज्यादा जोखिम में हो सकते हैं, जैसे-

60 साल से अधिक उम्र के लोग

नवजात और छोटे बच्चे

अस्थमा, सीओपीडी (COPD) जैसी फेफड़ों की बीमारियों वाले लोग

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग (जैसे कैंसर मरीज, अंग प्रत्यारोपण करवाने वाले, HIV/AIDS मरीज)

डायबिटीज या हृदय रोग से पीड़ित लोग

HCoV-HKU1 कैसे फैलता है?

यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों (droplets) के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित सतहों को छूने के बाद चेहरे, मुंह या नाक को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के पास रहने से भी फैल सकता है, जैसे कि परिवार में या भीड़भाड़ वाली जगहों में।

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बचाव के उपाय

अभी तक इस वायरस का कोई टीका या खास इलाज नहीं है, लेकिन कुछ सामान्य सावधानियां अपनाकर इसके फैलने के खतरे को कम किया जा सकता है:

बार-बार हाथ धोएं (कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से)

भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें

संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें

बार-बार छूई जाने वाली सतहों को सैनिटाइज़ करें (जैसे मोबाइल, दरवाजे के हैंडल)

छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढकें

पौष्टिक आहार, भरपूर पानी और पर्याप्त नींद लें ताकि इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे

इस वायरस के बारे में जागरूक रहना और सावधानी बरतना जरूरी है। यदि आपको या आपके जानने वालों को ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
 
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य उद्देश्य के लिए है, कृपया किसी भी स्वास्थ्य संबंधित समस्या के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 
 

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