खेतों में आपने पेड़- पौधे या फल- फूल लगते देखें होंगे लेकिन कभी फर्नीचर को उगते हुए देखा है? इंग्लैड के रहने वाले पति - पत्नी गेविन व एलिस मुनरो लकड़ी को काट कर फर्नीचर बनाने की जगह उन्हें सीधे खेत में ही उगाते है। इंग्लैंड का यह कपल अपने खेतों में पेड़ पौधों की जगह फर्नीचर की खेती करता है। यह उगते व बढ़ते हुए पेड़ को अलग - अलग फर्नीचर की शक्ल देते है जिससे पेड़ों को जड़ से काटने की झंझट खत्म हो गया है। अब तक यह कपल 50 मेज, 100 लैंप व 250 कुर्सियां उगा चुके हैं।
2006 में गेविन ने पौधों को फर्नीचर के आकार में उगाना शुरु किया था। 2012 में एलिस से शादी होने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी खोल ली व इसे एक बिजनेस का रुप दे दिया। इसके बारे में आइडिया उन्हें बोनसाई के पौधे को देखकर आया था, जिसने एक बार कुर्सी का रुप ले लिया था। अब वह जल्द ही एक ओर खेत खरीदने के बारे में सोच रहे है ताकि वह इस काम बढ़ा सकें। फर्नीचर बनाने के लिए वह पेड़ों को काटना बिल्कूल भी पसंद नही करते है।
एक फर्नीचर को बनाने में ही काफी समय लग जाता है क्योंकि पौधे की डालियों को उसी तरह से मोड़ना पड़ता है। अब यह कपल पूरी तरह से इस काम में माहिर हो चुका है। इतना ही नही इनका पूरा ध्यान भी रखना पड़ता है ताकि इनकी शेप खराब न हो जाएं।
लकड़ी की बनी यह एक कुर्सी 8 लाख रुपये की बिकती हैं। जिनसें उन्हें अलग- अलग तरह के डिजाइन दिए जाते है।
इस तरह तैयार किए गए मेज की कीमत 11 लाख रुपये की से है। इसमें मेज को अलग- अलग तरह की शेप व डिजाइन में तैयार किया जाता है। जिन्हें आप आसानी से अपने घर पर रख सकते है।
लैंप की कीमत 80 हजार रुपये है। जिसमें पेड़ों की शाखाओं को बहुत ही सुंदर तरीके से मोड़ कर इन्हें तैयार किया जाता है।
पौधों से फर्नीचर को बनाने में 6 से 9 महीने का समय लगता है। उसके बाद इसे सूखने में भी उतना ही समय लगता है। इसके बाद ही इन्हें मार्कीट में बेचा जाता है। इसकी खास बात यह है की इस तरह से तैयार किए गए फर्नीचर से लकड़ी की बरबादी भी नही होती हैं।
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