05 DECFRIDAY2025 1:54:19 PM
Nari

Periods से जुड़ी वो बात जिससे महिलाओं को हो जाता है डिप्रेशन, आप भी रहिए Alert

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Jul, 2025 01:50 PM
Periods से जुड़ी वो बात जिससे महिलाओं को हो जाता है डिप्रेशन, आप भी रहिए Alert

नारी डेस्क: एक अध्ययन में पाया गया है कि रजोनिवृत्ति के लक्षणों की गंभीरता और भावनात्मक समर्थन की कमी, कुछ महिलाओं में समय से पहले रजोनिवृत्ति के दौरान अवसाद का अनुभव करने के संभावित कारण हैं। समय से पहले रजोनिवृत्ति, जिसे चिकित्सकीय रूप से समय से पहले या प्राथमिक डिम्बग्रंथि अपर्याप्तता (पीओआई) के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय 40 वर्ष की आयु से पहले सामान्य रूप से कार्य करना बंद कर देते हैं। इसे अवसाद और चिंता के बढ़ते जीवनकाल के जोखिम से जोड़ा गया है।
 

यह भी पढ़ें: चलती बस में बनी मां और फिर खिड़की से बाहर फेंक दिया बच्चा
 

कुछ महिलाओं में बढ जाती है चिंता

प्रभावित महिलाएं न केवल एस्ट्रोजन की कमी के प्रभावों का अनुभव करती हैं, बल्कि वे प्रजनन क्षमता में अप्रत्याशित कमी का भी अनुभव करती हैं। हालांकि, कुछ महिलाएं इन परिवर्तनों के कारण अवसाद और चिंता से दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित होती हैं। मेनोपॉज पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित इस अध्ययन से पता चलता है कि जोखिम कारकों में निदान के समय कम उम्र, रजोनिवृत्ति के लक्षणों की गंभीरता, भावनात्मक समर्थन की कमी और प्रजनन क्षमता से संबंधित दुःख शामिल हैं।

PunjabKesari
पी.ओ.आई से पीड़ित महिलाओं पर ज्यादा असर

"मेनोपॉज़ सोसाइटी की एसोसिएट मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मोनिका क्रिसमस ने कहा- "पी.ओ.आई. से पीड़ित महिलाओं में अवसादग्रस्तता के लक्षणों का उच्च प्रसार इस संवेदनशील आबादी में नियमित जांच के महत्व को दर्शाता है।" उन्होंने कहा- "साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेपों के साथ व्यवहार-स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान किसी भी व्यापक पी.ओ.आई. देखभाल योजना का हिस्सा होना चाहिए,"। पी.ओ.आई. से पीड़ित 345 महिलाओं पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि अवसादग्रस्तता के लक्षणों का प्रसार 29.9 प्रतिशत था।
 

यह भी पढ़ें: फौजा सिंह हिट एंड रन मामले में पकड़ा गया NRI
 

 एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी

मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन की मात्रा तेजी से घटती है। एस्ट्रोजन मस्तिष्क के सेरोटोनिन (खुशी का हार्मोन) को संतुलित करता है। जब एस्ट्रोजन की कमी होती है, तो मूड स्विंग्स, चिंता और डिप्रेशन की संभावना बढ़ जाती है। जल्दी मेनोपॉज में महिलाओं को नींद ना आना (इंसोम्निया) या बार-बार नींद टूटने की शिकायत होती है।नींद की कमी मानसिक थकावट और डिप्रेशन को बढ़ावा देती है।


 शारीरिक लक्षणों का असर मानसिक स्थिति पर

हॉट फ्लैश, थकान, वेट गेन, बाल झड़ना जैसी समस्याएं आत्मविश्वास को कमजोर कर देती हैं। जब महिला को लगता है कि वह जल्दी "बूढ़ी" हो रही है, तो सेल्फ-इमेज और आत्म-सम्मान पर असर पड़ता है, जो डिप्रेशन की वजह बन सकता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जल्दी मेनोपॉज मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बिगाड़ सकती है। इससे एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

PunjabKesari
 समाधान क्या है?

डॉक्टर की सलाह पर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी (HRT) से राहत मिल सकती है। काउंसलिंग और थेरेपी, योग, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से मानसिक स्थिति बेहतर की जा सकती है। परिवार और पार्टनर का समर्थन और समझदारी भरा व्यवहार भी बहुत जरूरी है।
 

Related News