नारी डेस्क: छोटे बच्चों को अक्सर हर घर में डायपर पहनाए जाते हैं। इससे मम्मियों को इस टेंशन से राहत मिल जाती है कि अगर बच्चा सू-सू या पॉटी कर लेगा तो दिक्कत नहीं होगी। ऐसे में कई मां अपने बच्चे को पूरे दिन डाइपर पहनाकर रखती हैं, लेकिन यह तरीका बेहद गलत है।अगर आप अपने बच्चों को दिन भर डायपर पहनाकर रखते हैं तो सावधान हो जाएं। हो सकता है कि दिन भर डायपर पहनने से आपके बच्चे की चाल ही बिगड़ जाए और तो और लंबे समय तक डायपर पहने रखा जाए, तो यह उनकी सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है। यहां हम कुछ समस्याओं के बारे में बात करेंगे जो ज्यादा देर तक डायपर पहनाने से हो सकती हैं।
त्वचा में रैशेज और जलन
अगर बच्चे को ज्यादा देर तक गीला या गंदा डाइपर पहने रखे दिया जाए, तो उनकी त्वचा पर रैशेज और जलन की समस्या हो सकती है। गीला डाइपर बच्चे की त्वचा को इन्फेक्शन के लिए नाज़ुक बना सकता है, जिससे उन्हें चिढ़न और दर्द हो सकता है।
बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों का विकास
अगर बच्चा लंबे समय तक डायपर में रहता है, तो उसकी हड्डियों और मांसपेशियों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता। डायपर पहनने से बच्चे को अक्सर बैठने या चलने का मौका नहीं मिलता, जिससे उसका शारीरिक विकास धीमा हो सकता है।
डायपर से एलर्जी का खतरा
कभी-कभी डायपर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स बच्चों की नाजुक त्वचा से एलर्जी पैदा कर सकते हैं। यह एलर्जी त्वचा पर चकत्ते (blisters), खुजली, और जलन का कारण बन सकती है।
नेचुरल तरीके से पेशाब करने की आदत का न टूटना
अगर बच्चे को डाइपर के साथ लंबा समय बिताने दिया जाए, तो उसे यह आदत पड़ सकती है कि वह हमेशा डाइपर में पेशाब करे। इससे उसकी नेचुरल तरीके से पेशाब करने की आदत पैदा नहीं हो पाती, और पॉट ट्रेनिंग में समस्या हो सकती है।
बच्चे के शरीर में इन्फेक्शन का खतरा
गंदा डाइपर बच्चे के नाजुक अंगों में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। खासकर लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए यह खतरे की बात हो सकती है। लड़कियों में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और लड़कों में भी इसी तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं, जो लंबे समय तक गीला या गंदा डायपर पहनने से बढ़ सकते हैं।
बच्चे को कितनी देर पहनाना चाहिए डायपर?
बच्चे को डायपर पहनाने को लेकर यह सवाल लगभग हर मां के मन में होता है। वैसे तो बच्चों को गंदगी से बचाने के लिए डायपर पहनाए जाते हैं, भले ही बच्चा एक दिन से छोटा क्यों न हो।आम तौर पर, छोटे बच्चों को हर 2-3 घंटे में डायपर बदलना चाहिए, ताकि वे गीले या गंदे डायपर में लंबे समय तक न रहें। डायपर को ज्यादा देर तक पहनने से बच्चे की त्वचा में रैशेज, जलन और इन्फेक्शन हो सकता है। रात में सोते समय, अगर बच्चा ज्यादा देर सोता है, तो आप डायपर को कुछ ज्यादा समय तक पहनाकर बदल सकते हैं, लेकिन सुबह होते ही तुरंत डायपर बदल लें। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और पोटी की आदत डालनी शुरू करता है, डायपर पहनाना कम किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को डायपर में बहुत देर तक न रखा जाए और उसे समय-समय पर बदलते रहें, ताकि वह स्वस्थ रहे।
बच्चे को खुला भी छोड़ें
बच्चे को कुछ समय के लिए डायपर से खुला छोड़ना बहुत फायदेमंद हो सकता है। जब बच्चा बिना डायपर के होता है, तो उसकी त्वचा को हवा मिलती है, जिससे रैशेज और जलन की समस्या कम होती है। साथ ही, यह बच्चे को पोटी करने की सही आदत भी सिखाता है। कुछ समय के लिए डायपर से मुक्त रखना बच्चे के शारीरिक विकास के लिए भी अच्छा होता है, क्योंकि इससे उसकी मांसपेशियां और हड्डियां अच्छे से विकसित होती हैं।