नारी डेस्क: स्ट्रोक, जिसे आम भाषा में लकवा कहा जाता है, एक ऐसा खामोश हमला है जो इंसान की ज़िंदगी को पलभर में पूरी तरह बदल सकता है। हर साल दुनियाभर में लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। कई लोग इस वजह से अपनी जान गंवा देते हैं और कई लोगों को ज़िंदगीभर के लिए अपाहिज बना देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके शरीर में बहता खून, सिर्फ जीवन देने वाला तरल नहीं है बल्कि आपकी सेहत के कई गहरे राज़ भी उसमें छुपे होते हैं?
नई रिसर्च में बड़ा खुलासा: ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक का रिश्ता
हाल ही में एक नई मेडिकल रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि आपका ब्लड ग्रुप (रक्त समूह) भी यह तय कर सकता है कि आपको कम उम्र में स्ट्रोक का खतरा कितना है। यानी अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है तो आपके ब्लड ग्रुप के आधार पर आपको स्ट्रोक का ज्यादा या कम खतरा हो सकता है।
स्ट्रोक के आंकड़े डराने वाले हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल करीब 1.5 करोड़ लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं। इनमें से लगभग 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और बाकी 50 लाख लोग अपाहिज हो जाते हैं। यह एक ऐसा खतरा है जो बिना चेतावनी के आता है और व्यक्ति की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल देता है।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिका के मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (UMSOM) के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर एक बड़ी रिसर्च स्टडी की है, जिसका परिणाम प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘Neurology’ में छपा है। इस रिसर्च में लगभग 48,000 स्ट्रोक के मरीजों और 5 लाख से ज्यादा स्वस्थ लोगों का डेटा जुटाया गया और उसका विश्लेषण (Analysis) किया गया। रिसर्च के नतीजों ने मेडिकल साइंस को एक नई दिशा दी है।

कौन-से ब्लड ग्रुप वालों को ज्यादा खतरा?
रिसर्च के मुताबिक, ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक के बीच स्पष्ट संबंध पाया गया। आइए जानते हैं कौन से ब्लड ग्रुप वालों के लिए यह चिंता की बात है
ब्लड ग्रुप A: इन लोगों में 60 साल से पहले स्ट्रोक का खतरा 16% ज्यादा पाया गया।
ब्लड ग्रुप O: सबसे आम ब्लड ग्रुप होने के साथ-साथ यह भी देखा गया कि इन लोगों में स्ट्रोक का खतरा 12% कम है। यानी यह थोड़ा रक्षा कवच जैसा काम करता है।
ब्लड ग्रुप B और AB: इन लोगों में भी खतरा मौजूद है, लेकिन 'A' ग्रुप वालों की तुलना में थोड़ा कम है।
ब्लड ग्रुप AB: कुछ जातीय समूहों में AB ग्रुप को भी उच्च जोखिम वाला पाया गया है।

ब्लड ग्रुप A वालों में खतरा क्यों ज्यादा?
वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लड ग्रुप A वालों के शरीर में Von Willebrand Factor और Factor VIII जैसे ब्लड क्लॉटिंग (खून जमाने वाले) प्रोटीन का स्तर अधिक होता है। इस वजह से खून थोड़ा गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्रेन में खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। यही थक्का आगे चलकर इस्कीमिक स्ट्रोक का कारण बनता है। इस्कीमिक स्ट्रोक सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक होता है और सभी स्ट्रोक के मामलों में लगभग 87% यही पाया जाता है।
ब्लड ग्रुप कैसे करता है आपकी सेहत को प्रभावित?
हमारा ब्लड ग्रुप हमारी लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर मौजूद एंटीजन की बनावट पर निर्भर करता है। यह बनावट ABO जीन द्वारा निर्धारित होती है। यह जीन और उसमें मौजूद छोटे-छोटे अंतर, आपकी सेहत पर बड़ा असर डाल सकते हैं जैसे स्ट्रोक का खतरा
दिल की बीमारी
खून के थक्के बनने की प्रवृत्ति
डरें नहीं, समझदारी से रहें सतर्क
इस जानकारी का मकसद किसी को डराना नहीं बल्कि जागरूक करना है। अगर आपका ब्लड ग्रुप 'A' है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको ज़रूर स्ट्रोक होगा। इसका मतलब सिर्फ यह है कि आपका जोखिम थोड़ा अधिक हो सकता है। इसी तरह 'O' ग्रुप वालों को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता लेकिन उनका रिस्क कम होता है। ये आंकड़े सांख्यिकीय (statistical) हैं न कि किसी की व्यक्तिगत भविष्यवाणी।

स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें?
अपना ब्लड ग्रुप जरूर जानें
स्मोकिंग और शराब से दूरी बनाए रखें
नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अपनाएं
ब्लड प्रेशर और शुगर की समय-समय पर जांच कराएं
परिवार में स्ट्रोक का इतिहास है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें
तनाव को नियंत्रित करें और अच्छी नींद लें
आपका ब्लड ग्रुप आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ कहता है ये बात अब विज्ञान भी मान चुका है। खासतौर पर स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के मामले में यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए अगर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं तो अपने ब्लड ग्रुप को जानें, अपनी जीवनशैली में सुधार करें और समय-समय पर जरूरी जांच जरूर करवाएं।