हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में बहुत से लोगों के घर पर श्रीकृष्ण जी बाल रूप में विराजित होते हैं। इन्हें लड्डू गोपाल, कान्हा आदि नामों से पुकारा जाता है। मगर इनकी पूजा करने और घर पर रखने के लिए कुछ खास नियमों की पालना करना बेहद जरूरी होता है। तो चलिए आज हम आपको लड्डू गोपाल को घर में लाने और रखने से जुड़े 5 ऐसे काम बताते हैं जिन्हें करना बेहद जरूरी होता है।
रोजाना स्नान करवाएं
अगर आप इस जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के बालस्वरूप को घर पर लाने चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उनके लिए अपने मन में कुछ भाव लाने होंगे। आपको उन्हें घर का सबसे छोटा सदस्य यानि अपने बच्चे की तरह पालना होगा। ऐसे में उन्हें रोजाना नहलाकर साफ कपड़े पहनाए। साथ ही उनकी घर के बाकी सदस्यों की तरह देखभाल करें।
भोग का रखें ध्यान
जिसतरह आप घर के बाकी सदस्यों को खाना देते हैं। उनकी पसंद न पसंद का ध्यान रखते हो वैसे ही कान्हा जी के भी खाने-पीने का ध्यान रखें। रोजाना सुबह उन्हें नहलाने के बाद नाश्ता करवाएं। इसी तरह दोपहर, शाम और रात को भी उन्हें भोग लगाएं। लड्डू गोपाल जी को दिन में कम से कम 4 बार जरूर भोग लगाना चाहिए। कहा जाता है कि जिसतरह छोटे बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर बाद भूख लगती है। ठीक उसी तरह कान्हा जी को भी भूख और प्यास लगती है। ऐसे में समय-समय पर उनके खाने-पीने का ध्यान रखें।
बच्चों की तरह लाड- प्यार करें
घर पर कोई पकवान बनाने या कोई चीज बाहर से लाने पर सबसे पहले लड्डू गोपाल को भोग लगाए। उन्हें अपने घर के सबसे छोटे व प्यारे बच्चे की तरह डाल व प्यार करें।
खिलौने भी चढ़ाए
जैसे कि पहले ही बताया गया कि लड्डू गोपाल को अपने बच्चे की तरह रखना और प्यार करना चाहिए। ऐसे में उनको बच्चों की तरह पालने के साथ छोटे बच्चों की तरह खिलौने लाकर चढ़ाए। इसके साथ ही समय निकाल कर उनके साथ खेलें। अगर आप कही बाहर जाते हैं तो उन्हें भी अपने साथ लेकर जाएं।
शाम को करें आरती और झूला झूलाए
रोजाना शाम के समय के कान्हा जी की आरती करके उन्हें भोग लगाएं। उसके बाद झूला झूलाए। इनकी पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। अगर कहीं आपको किसी जरूरी काम से बाहर जाना पड़े तो ऐसी परिस्थिति में घर की एक चाभी लड्डू गोपाल को देकर उनसे प्रार्थना करें कि आप हमारे घर पर मौजूद न होने पर घर की रक्षा करें। अगर कही आपको ज्यादा दिनों के लिए घर से बाहर जाना है तो ऐसी स्थिति में लड्डू गोपालजी को भी साथ लेकर जाएं या उन्हें अपने किसी रिश्तेदार या पड़ोसी के पास छोड़कर जाएं। ताकि उनकी पूजा और भोग सब समय पर हो सके।