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सैंडविच स्टॉल लगाने से लेकर 'ट्रेजिडी किंग' बनने तक आसान नहीं था दिलीप साहब की जिदंगी का ये सफर

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 07 Jul, 2021 09:04 AM
सैंडविच स्टॉल लगाने से लेकर 'ट्रेजिडी किंग' बनने तक आसान नहीं था दिलीप साहब की जिदंगी का ये सफर

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का 98 साल की उम्र में बुधवार 7 जुलाई को निधन हो गया। बतां दें कि पिछले कुछ दिनों से दिलीप कुमार स्वास्थ्य समस्याओं से जुझ रहे थे, जिसके बाद उन्हें कई बार हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  दिलीप कुमार के निधन से एक बार फिर बॉलीवुड शॉक्ड हो गया है। दिलीप कुमार बॉलीवुड में 'ट्रेजडी किंग' के नाम से मशहूर थे। आईए जानते हैं दिलीप साहब के जीवन के बारे में-

आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाते थे दिलीप साहब-
दिलीप साहब का जन्म पेशावर (पाकिस्तान) 11 दिसंबर, 1922 को हुआ। दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान है। उनका परिवार साल 1930 में मुंबई शिफ्ट हो गया था। दिलीप कुमार का बचपन बेहद मुश्किलों भरा गुजरा।  दिलीप कुमार के पिता फल बेचा करते थे।  रिपोर्ट की मानें तो साल 1940 में पिता से मतभेद के बाद वह पुणे आ गए। यहां दिलीप कुमार की मुलाकात एक कैंटीन के मालिक ताज मोहम्मद से हुई, जिनकी मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाया। कैंटीन से हुई कमाई को लेकर दिलीप कुमार वापस मुंबई अपने पिता के पास आ गए और काम करना शुरू किया।।दिलीप कुमार ने बाॅलीवुड पर पांच दशकों तक अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।

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ऐसे शुरू हुआ था बाॅलीवुड फिल्मों का सफर -
 साल 1943 में जब दिलीप साहब मुंबई आए तो उनकी मुलाकात चर्चगेट में डॉ. मसानी से हुई। जिन्होंने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया। इसी दौरान दिलीप साहब की मुलाकात बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी से हुई। इस बीच दिलीप कुमार ने फिल्म 'ज्वार भट्टा' फिल्म साइन की और अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की।

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दिलीप साहब ऐसे बने थे बाॅलीवुड के 'ट्रेजिडी किंग'
साल 1949 में आई फिल्म 'अंदाज' से दिलीप साहब को पहचान मिली। इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ राज कपूर थे। इस फिल्म के बाद 'दीदार' (1951) और 'देवदास' (1955) जैसी फिल्मों में रोमांटिक हीरो की भूमिका निभाई जिसके लिए वह मशहूर हो गए इसी वजह से उन्हें ट्रेजिडी किंग भी कहा जाने लगा।

इन फिल्मों से मिला फिल्मफेयर अवार्ड
इसके बाद दिलीप साहब  का करियर बुलंदी छुता गया, फिर साल 1983 में फिल्म 'शक्ति', 1968 में 'राम और श्याम', 1965 में 'लीडर', 1961 की 'कोहिनूर', 1958 की 'नया दौर', 1954 की 'दाग' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

आज भी लोगो को दिलीप कुमार पर फिल्माया गया गाना 'नैना जब लड़िहें तो भैया मन मा कसक होयबे करी' याद है। दिलीप कुमार के ऐसे कई हिस्ट्रोइक गाने है जिन्हें लोग अब भी सुनते हैं। 

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22 साल छोटी अभिनेत्री से की शादी
दिलीप कुमार की लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प रही है। इनके निजी जीवन के बारे में बात करें तो उन्होंने अपने से 22 साल छोटी बाॅलीवुड अभिनेत्री सायरा बानो से 11 अक्टूबर, 1966 को शादी की थी। जब सायरा बानो ने दिलीप कुमार से शादी की थी, तो उस समय दिलीप कुमार बहुत बड़े सुपरस्टार थे। वहीं सायरा बानों नई-नई  एक्टिंग शुरू की थी,  फिल्मों में वह अपना नाम बनाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। लेकिन दिलीप कुमार सायरा को देखते ही इस कदर प्यार में पड़ गए कि उन्होंने उनके शादी कर ली।

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