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छोटी उम्र में Periods शुरू, जानिए क्यों बढ़ रही है यह समस्या

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 01 Sep, 2025 12:59 PM
छोटी उम्र में  Periods शुरू, जानिए क्यों बढ़ रही है यह समस्या

नारी डेस्क : पिछले 10-20 सालों में देखा गया है कि लड़कियों में मासिक धर्म यानी पीरियड्स (Periods) की शुरुआत पहले की तुलना में काफी जल्दी हो रही है। पहले यह 12-13 साल की उम्र में होता था, लेकिन अब यह उम्र घटकर 9-11 साल तक आ गई है। इससे कई माता-पिता चिंतित हैं और सोचते हैं कि इतनी छोटी उम्र में पीरियड्स कोई गंभीर समस्या तो नहीं है।

क्यों घट गई Periods की उम्र?

विशेषज्ञों के अनुसार, आज की बदलती जीवनशैली, खराब खानपान और तनाव के कारण मासिक धर्म की उम्र घट रही है। पहले की तुलना में लड़कियों का खानपान अधिक प्रोसेस्ड और मीठा हो गया है, साथ ही बच्चों की दिनचर्या अधिक निष्क्रिय हो गई है। यही वजह है कि शरीर जल्दी विकसित होने लगा है।

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शुरुआती Periods और PCOS को लेकर भ्रम

अक्सर माता-पिता और किशोर लड़कियां पीरियड्स जल्दी शुरू होने के बाद होने वाले बदलावों को पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) समझने लगते हैं। शुरुआती वर्षों में मासिक धर्म का अनियमित होना, चेहरे पर मुंहासे, बालों का बढ़ना सामान्य है, लेकिन कई बार इसे पीसीओएस समझकर जरूरत से ज्यादा चिंता की जाती है। 

बेंगलुरु के गायनेकोलॉजिस्ट बताते हैं कि हर सप्ताह 10-15 ऐसी लड़कियों को क्लिनिक में देखा जाता है, जिन्हें माता-पिता पीसीओएस के लक्षणों के कारण लेकर आते हैं। किशोरावस्था में शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो मुंहासे, हल्के बाल या अनियमित पीरियड्स जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि बच्ची को पीसीओएस है।

सोशल मीडिया की भूमिका

आजकल सोशल मीडिया ने यह चिंता और बढ़ा दी है। लड़कियां अपने चेहरे पर छोटे-छोटे बाल या मुंहासे देखकर स्वयं को पीसीओएस का रोगी मानने लगती हैं। दोस्तों या ऑनलाइन वीडियो से प्रभावित होकर माता-पिता भी जल्दी इलाज कराने की बात सोचने लगते हैं।

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PCOS की सही जांच कैसे होती है

डॉक्टरों के अनुसार, पीसीओएस की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों में कुछ विशेष मानदंड होते हैं। उदाहरण के लिए, अंडाशय में कम से कम 20 फॉलिकल्स का होना जरूरी है। अक्सर केवल 1-2 फॉलिकल्स या थोड़ा मोटा अंडाशय देखकर भी ओवर डायग्नोसिस हो जाती है, जिससे अनावश्यक चिंता पैदा होती है।

जीवनशैली और पीसीओएस

हालांकि, जीवनशैली की वजहें वाकई में पीसीओएस के शुरुआती लक्षणों को बढ़ावा दे सकती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अधिक मीठा और प्रोसेस्ड फूड, मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली और तनाव इसके प्रमुख कारण हैं। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों की जीवनशैली पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।

माता-पिता के लिए सुझाव

धैर्य रखें: 9-11 साल की उम्र में पीरियड्स जल्दी शुरू होना सामान्य हो सकता है।

आहार सुधारें: संतुलित आहार, फल, सब्जियां और प्रोटीन दें।

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नियमित व्यायाम: बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें।

तनाव कम करें: स्कूल और घरेलू काम में संतुलन बनाएं।

डॉक्टर से सलाह: केवल तब ही विशेषज्ञ से जांच करवाएं जब लक्षण लगातार बने रहें।
 

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