पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को सेहत संबंधी परेशानियां जल्दी घेर लेती हैं। अगर किसी कारण पीरियड्स की अनियमित्ता हो जाए तो डायबिटीज, मानसिक तनाव, शारीरिक कमजोरी, मोटापा आदि के साथ-साथ कई तरह की समस्याएं औरतों को घेर लेती हैं। यही बीमारियां उम्र से पहले मेनोपॉज की वजह बनती हैं। इस अवस्था में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं क्योंकि हार्मोंस की गड़बड़ी से मूड स्विंग होने लगती है। अगर मेनोपॉज के दौरान खुद के खान-पान का खास ख्याल रखा जाए तो इन शारीरिक बदलावों से आसानी से सामना किया जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी सेहत मेनोपॉज की परेशानियों को और भी ज्यादा बढ़ा देती है। अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार जैसे साल्मन फिश, कॉड लिवर ऑयल, अंडे, कनोला ऑयल, चिया सीड्स, असली, अखरोट, सोयाबीन, पालक आदि को शामिल करें। इससे एंग्जायटी की परेशानी काफी हद तक कम हो जाती है।
खाएं मौसमी फल और सब्जियां
इस समय भूल कर भी डायटिंग न करें क्योंकि इससे और भी ज्यादा शारीरिक दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं। मेनोपॉज के दौरान ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, सूजन की समस्या भी पैदा हो जाती है। जिससे ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों की बीमारी औरतों को जल्द घेर लेती है। इससे बचाव रखने के लिए मौसमी फल और सब्जियां जरूर खाएं।
सोया प्रॉडक्ट्स और अंकुरित अनाज
सोयाबीन, टोफू, अंकुरित अनाज रोजाना के आहार में शामिल करें। सोया प्रोडक्ट्स में फाइटोएस्ट्रोजन और अंकुरित अनाज में विटामिन सी भरपूर मात्रा में शामिल होते हैं जो हार्मोन्स को संतुलित करने का काम करते हैं।
कैल्शियम
महिलाओं के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी तत्व है। अपने शरीर में इसकी कमी न होने दें। दूध, बादाम, पालक, दही, आदि में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है जो इस कमी को पूरा करने में मददगार है। इनसे मेनोपॉज के दौरान आने वाली कमजोरी दूर हो जाती है।