दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कोई साधारण बात नहीं है। इस बार प्रदूषण का स्तर बहुत ही ऊंचा है। वायु प्रदुषण की वजह से हैल्दी लोगों को भी तकलीफ व बीमारियां का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में 1 शरीर में पल रही 2 जान की हालत कैसी होगी। जी हां, हम बात कर रहे प्रेग्नेंट महिलाओं की। वायु प्रदूषण से होने वाली मां को तो तकलीफ होती ही है, साथ में अंदर पल रहा बच्चा भी घुट रहा होता है। मां से ही सांस और भोजन शिशु तक जाता है। ऐसे में वायु प्रदुषण की वजह से न जाने कितनी गंदगी शिशु तक पहुंच रही होगी। कई बार बच्चों को साइनस और अस्थमा जैसी बीमारियां पेट से ही हो जाती है। इसकी वजह प्रदूषण और वातावरण में अलग-अलग धुओं की मिलावट ही है। अमेरिका में माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 237 माताओं और उनके शिशुओं का अध्ययन किया गया। इस शोध में यह पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण दिक्क़तों की वजह बन सकता है। जिसके बाद भविष्य में शिशु को अनगिनित प्रॉब्लम का सामना करना पड़ेगा। वहीं पर्यावरण थिंक टैंक सीएसई के स्टेट ऑफ इंडियाज इन्वायरन्मेंट (एसओई) रिपोर्ट जारी कर कहा कि प्रदूषित हवा के कारण भारत में 10,000 बच्चों में से औसतन 8.5 बच्चे पांच साल का होने से पहले मर जाते हैं। ऐसे में हम प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कुछ उपाय लाए है।
सावधानियां
-एयर क्लीनर मास्क बाहर जाते वक्त जरूर पहनें।
-अगर आपके घर में कोई खिड़की है तो उसे बंद ही रखें।
- घर में वैक्यूम क्लीनर का छिड़काव करें।
-अगर सैर पर जाना है तो दोपहर के समय ही निकले क्योंकि सुबह-शाम ज्यादा स्मॉग होती है।
-चश्मा जरूर पहनें। इससे आपकी आंखों को जलन का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- सर्दियों के कपड़े निकाल रही है तो उन्हें पहले धुप में जरूर सुखाएं।
-बाहर का कुछ भी न खाएं।
-हो सके तो पानी का सेवन ज्यादा करें।
- डॉक्टर से अपना हर हफ्ते चेकअप करवाए।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP