उम्र सिर्फ एक नंबर है यह बात फ्रांस की योगा प्रैक्टिशनर चार्लोट चोपिन पर बिल्कुल फिट बैठती है। वह 101 साल की उम्र में भी योगा करके लोगों को योगा सिखा रही हैं। उनके इसी हिम्मत को देखते हुए अब उन्हें सरकार ने देश के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड पद्म श्री से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने दिया है। भले ही चार्लोट की उम्र 101 है लेकिन वह कठिन से कठिन योग भी बहुत ही आसानी से कर लेती हैं। राष्ट्रपति भवन में अब उन्हें पद्म श्री सम्मान के साथ सम्मानित किया गया है।
50 साल की उम्र से कर रही हैं योगा
चार्लोट चोपिन 50 साल की उम्र से योगाभ्यास कर रही हैं। भले ही उनकी उम्र 101 साल की है लेकिन योग और फिटनेस के प्रति उनका जुनून पिछले कुछ सालों में बढ़ता ही गया है। जहां एक उम्र के बाद लोगों का शरीर काम करना बंद कर देता है ऐसे में इस समय भी चार्लोट एक अच्छी योग टीचर बनकर लोगों को योगा सिखा रही हैं। वह अपनी अच्छी सेहत और लंबी उम्र का श्रेय योग को ही देती हैं।
1982 में शुरु किया था योग सिखाना
चार्लोट चोपिन ने 1982 में फ्रांस में योग सिखाना शुरु किया था। कुछ ही समय में उन्होंने फ्रांस में एक योग की लहर पैदा कर दी। अब योग को देश में मुख्य फिटनेस के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म जर्मनी में हुआ था। अपने काम के चलते वह अफ्रीका और कैमरुन में भी रह चुकी हैं। 50 साल पहले उनकी उम्र 50 साल थी तब उन्होंने अपनी दोस्त की सलाह पर योग शुरु किया था। बस तभी से वह लगातार योग कर रही हैं और फ्रांस में अपनी प्रतिभा को लेकर काफी चर्चित रह चुकी हैं।
योग को देती हैं सारा श्रेय
चार्लोट का मानना है कि यदि आज वह इस उम्र में स्वस्थ हैं और उनका शरीर लचीला बना हुआ है तो इसका श्रेय योग को ही जाता है। वह बताती हैं कि सिर्फ योग ने उन्हें शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी स्वस्थ बनाया है। इससे उन्हें शांति और स्थिरता मिली है जिसके बारे में वह अपने छात्रों को भी बताती हैं।
पीएम भी कर चुके हैं मुलाकात
चार्लोट की प्रतिभा को देखते हुए खुद पीएम भी उनसे मिले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछली फ्रांस की यात्रा के दौरान चार्लोट से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का जिक्र उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए किया था। पीएम मोदी चार्लोट से काफी प्रभावित हुए थे और उन्होंने इसका जिक्र मन की बात कार्यक्रम के दौरान भी किया था।