वास्तु शास्त्र के अनुसार, शादी का मंडप शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होना चाहिए। मंडप का निर्माण और उसकी सजावट में वास्तु के कुछ नियमों का पालन करने से शादी का माहौल और भी पवित्र और सुखदायक बन सकता है। आइए जानते हैं, शादी के मंडप के वास्तु नियमों के बारे में
मंडप की दिशा
शादी का मंडप पूर्व दिशा की ओर मुख करके बनाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। मंडप का मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो, तो यह वर-वधू के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। इससे उनकी शादीशुदा जिंदगी में सुख और समृद्धि आती है।
मंडप का स्थान
मंडप को ऐसे स्थान पर बनाया जाए, जहां प्राकृतिक प्रकाश और हवा का पर्याप्त प्रवाह हो। इससे वातावरण शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर रहता है। मंडप को घर के मुख्य द्वार के करीब नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इससे आने-जाने वालों का शोर और हलचल मंडप के माहौल को प्रभावित कर सकती है।
मंडप की संरचना
मंडप का आकार चौकोर या आयताकार होना चाहिए, क्योंकि ये आकार स्थिरता और संतुलन का प्रतीक होते हैं। मंडप के चारों कोनों पर मजबूत स्तंभ होने चाहिए, जो जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का संकेत देते हैं।
अग्नि कुंड का स्थान
अग्नि कुंड को मंडप के केंद्र में रखना शुभ माना जाता है। यह पवित्र अग्नि सभी दिशाओं में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखती है। अग्नि कुंड को दक्षिण-पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है।
फूलों और सजावट का चुनाव
मंडप को सजाने के लिए प्राकृतिक फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए। विशेषकर, गुलाब, गेंदे, और कमल के फूल शुभ माने जाते हैं। सजावट में हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि ये रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक होते हैं। लाल और पीला रंग भी शुभता का प्रतीक माना जाता है।
मंडप की ऊंचाई
मंडप की ऊंचाई सामान्य से अधिक होनी चाहिए, जिससे वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार अच्छी तरह से हो सके। मंडप के ऊपर एक कलश या नारियल रखने से शुभता बढ़ती है और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है। मंडप का फर्श साफ और पवित्र होना चाहिए। यदि फर्श पर रंगोली बनाई जाए, तो यह और भी शुभ माना जाता है। फर्श पर सफेद या पीले रंग के कपड़े का प्रयोग करना शुभ होता है, क्योंकि ये रंग पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक हैं।
धार्मिक प्रतीक
मंडप में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों या तस्वीरों को रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये विघ्नों का नाश करते हैं और समृद्धि लाते हैं। मंडप के चारों कोनों पर कलश या दीपक रखना चाहिए, जो ऊर्जा का संचार और शुभता बढ़ाते हैं।
खास ख्याल
- शादी के मंडप में अंधकार या गंदगी नहीं होनी चाहिए। प्रकाश और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- मंडप के अंदर और बाहर धूप या अगरबत्ती जलाने से वातावरण में पवित्रता बनी रहती है।
- विवाह के दौरान पवित्र मंत्रों का उच्चारण और वाद्य यंत्रों का संगीत होना चाहिए, जिससे माहौल सकारात्मक और आनंदमय बना रहे।