हिंदू धर्म में चार-धाम की यात्रा का विशेष महत्व है। इनमें एक धाम जगन्नाथ पुरी है, जो भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी स्थापित है।
वहीं यह मंदिर कई रहस्यों से भरा हुआ है। इनमें से एक रहस्य संकटमोचन हनुमान जी से जुड़ा है।
माना जाता है कि यहां पर समुद्रतट पर भगवान जी ने स्वयं हनुमान जी को बांध दिया था। चलिए जानते हैं इस रहस्य के बारे में विस्तार से...
कहते हैं भगवान जी के दर्शन करने के लिए जगन्नाथ पुरी के पास बहने वाले समुद्र भी इच्छा हुई। ऐसे में वे कई बार प्रभु दर्शन के लिए मंदिर में गए है।
मगर इसतरह समुद्र का पानी अंदरवहीं इसके कारण भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं हो पाते थे।
ऐसे में भक्तों ने भगवान जगन्नाथजी से प्रार्थना की। भक्तों के आग्रह पर भगवान जगन्नाथजी ने संकटमोचन हनुमान जी को समुद्र पर काबू पाने के लिए नियुक्त किया।
तब हनुमान जी ने अपने बल से समुद्र को बांध दिया। माना जाता है कि इस परिस्थिति में समुद्र ने अपनी चतुराई दिखाकर हनुमान जी से भगवान के दर्शनों की बात की।
फिर उनकी बातों को सुनकर हनुमान जी मंदिर में दर्शन करने चले गए। ऐसे में उनके पीछे-पीछे सागर चलने लग पड़े। इसके कारण मंदिर को नुकसान होने लगा।
तब भगवान जगन्नाथपुरी ने हनुमान जी को रोकने के लिए उन्हें स्वर्ण बेड़ी से बांध दिया।
आपको बता दें, जगन्नाथपुरी में सागरतट पर ही बेड़ी हनुमानजी का प्राचीन मंदिर बना हुआ है। माना जाता है कि इसी जगह पर भगवानजी ने हनुमान जी को बांधा था।