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महिलाओं को कौन से Medical Test साल में 1 बार जरूर कराने चाहिए?

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 07 Sep, 2024 11:02 AM
महिलाओं को कौन से Medical Test साल में 1 बार जरूर कराने चाहिए?

नारी डेस्क: बदलते लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत पर ध्यान देना भूल जाते हैं। ख़ास कर महिलाएं  इस बदलते वातावरण में, अक्सर अपनी सेहत को लेकर अनदेखी कर बैठती हैं। काम, घर और बच्चों की जिम्मेदारियों में उलझी रहने के कारण वे अपनी स्वास्थ्य के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं। यहां तक कि जब उन्हें कई शरीरिक समस्याएं महसूस होती हैं, तब भी हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में वे कई गंभीर समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि महिलाओं के लिए सेहत का ध्यान रखना क्यों जरूरी है और कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट हैं, जिन्हें वे नियमित रूप से करवाना चाहिए। इन टेस्टों के माध्यम से हम समय रहते ही सेहत सम्बंधित समस्याओं का पता लगा सकते हैं और उनका उपचार कर सकते हैं, जिससे महिलाओं की सेहत बनी रहे। चलिए जानते हैं ऐसे कौन कौन से मडिकल टेस्ट्स हैं जिन्हे साल में 1 बार जरूर कराने चाहिए। 

पैप स्मीयर टेस्ट

यह टेस्ट गर्भाशय के कैंसर की जांच के लिए किया जाता है। 21 साल की उम्र से इस टेस्ट की शुरुआत करनी चाहिए और फिर हर 3 साल में इसे अवश्य करवाना चाहिए। इससे गर्भाशय के विकारों का समय रहते पता चल सकता है। इस टेस्ट में डॉक्टर एक छोटे से इंस्ट्रूमेंट को गर्भाशय के अंदर डालकर संवेदनशील सैंपल  लेते हैं। इस सैंपल  को लैब में जांचा जाता है और यदि उसमें किसी प्रकार की गांठ, प्राकृतिक परिवर्तन या संकेत होते हैं, तो डॉक्टर आगे के जांच और उपचार के लिए सलाह देते हैं। इस टेस्ट से कैंसर के संकेतों को पहचाना जा सकता है। साथ ही समस्याओं का समय रहते पता लगा सकता है

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ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग 

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर होता है और इसकी स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके जरिए समय रहते गांठों या बदलाव का पता लगाया जा सकता है और इलाज की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 40 साल की उम्र से हर साल मैमोग्राफी करवानी चाहिए, जिससे कैंसर का पता जल्दी चल सके। 30 साल की उम्र से हर महीने खुद ब्रेस्ट की जांच करनी चाहिए और किसी भी गांठ या बदलाव को डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

थायराइड टेस्ट 

थायराइड की समस्याएं महिलाओं में अधिक होती हैं, जोकि इस जांच की महत्वता को और भी बढ़ाता है। इससे स्वास्थ्य समस्याओं का समय रहते पता लगा सकता है और उचित उपचार करवाया जा सकता है।

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ब्लड शुगर टेस्ट

ब्लड शुगर एक गंभीर बीमारी है जो हमारे शरीर में ग्लूकोज (शर्करा) के स्तर को कंट्रोल रखने में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यह बीमारी कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकती है, जैसे कि दिल की बीमारियाँ, किडनी समस्याएँ और आंखों की समस्याएँ। इस वजह से 45 साल की उम्र से हर 3 साल में ब्लड शुगर टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि यदि बीमारी हो तो समय रहते उपचार किया जा सके।

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 ब्लड प्रेशर टेस्ट

हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारे दिल की सेहत को खतरे में डाल सकता है और स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का भी कारण बन सकता है। हाई ब्लड प्रेशर हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। 18 साल की उम्र से हर साल ब्लड प्रेशर टेस्ट करवाना चाहिए, जिससे समस्याओं का समय रहते पता चल सके। बता दे कि  ब्लड प्रेशर टेस्ट हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों के खतरे को भी पहचानने में मदद करता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो सकती हैं।

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इन पांच मेडिकल टेस्ट को नियमित रूप से करवाकर महिलाएं अपनी सेहत की जांच रख सकती हैं और किसी भी समस्या का समय रहते पता चलने पर उपचार की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, सेहत को लेकर सजग रहना और नियमित जांच का पालन करना विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

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