सवाईकल कैंसर (बच्चेदानी का कैंसर) एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो महिलाओं को मौत के दरवाजे तक ले जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 50% भरतीय महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो जाती है। कहीं ना कहीं जागरूकता की कमी और सही समय पर इलाज ना मिल पाने के कारण महिलाएं इस बीमारी से अपनी जान गवां बैठती हैं। मगर, हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक ऐसी वैक्सीन की खोज की है, जो सवाईकल कैंसर का खतरा कम करेगी
सबसे पहले जानिए क्या है सवाईकल कैंसर?
यह एक ऐसा खतरनाक कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा (बच्चेदानी का मुंह) से शुरू होकर लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक पहुंच जाता है। वैसे तो यह किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 35-45 साल वाली महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर के कारण हर साल करीब 63,000 महिलाओं की मौत हो जाती है।
एचपीवी वैक्सीन से कम होगा खतरा
हाल ही में शोधकर्ताओं ने एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वैक्सीन बनाई है, जो सवाईकल कैंसर का खतरा 98% कम करेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले टीकाकरण कार्यक्रम में इस वैक्सीन को शामिल किया जा सकता है। इस बात का खुलासा खुद दिल्ली एम्स स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की H.O.D डॉ. नीरजा भाटला ने एक सेमिनार में किया है। साथ ही उन्होंने इस वैक्सीन की अहमियत बताते हुए लड़कियों से इसे लगवाने की अपील भी की।
कब लगेगी वैक्सीन
वहीं WHO का कहना है कि यह वैक्सीन लड़कियों को 9 से 14 की उम्र में 6 महीने के अंतराल में 2 डोज दी जाएगी, जो इस कैंसर से 70 फीसदी बचाव करेगा। दरअसल, यह वैक्सीन सवाईकल कैंसर को जन्म देने वाले वायरस से लड़ने में मदद करेगी।
सवाईकल कैंसर से भारत में सबसे ज्यादा मौतें
शोध के मुताबिक, सवाईकल कैंसर से चीन में सबसे ज्यादा मौतें होती है लेकिन उसके बाद भारत दूसरे नंबर पर है। इस कैंसर के कारण करीब 50% महिलाएं हर साल अपनी जान गवा देती हैं।
2021 राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में होगी शामिल
फिलहाल डॉक्टर एचपीवी वैक्सीन को निजी तौर पर ही लगा रहे हैं, जिसकी कीमत करीब 2200 रुपए है। हालांकि कुछ राज्यों के टीकाकरण समारोह में इसे शामिल भी किया जा चुका है। मगर, स्वास्थ्य प्रबंधक इसे 2021 राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या हैं HPV वैक्सीन?
HPV वैक्सीन वायरसों का ऐसा समूह है जो सिर्फ सवाईकल ही नहीं बल्कि 18 तरह के कैंसर से बचाव करेगी। 8% औरतों को कभी न कभी यह बीमारी जरूरी है लेकिन प्री कैंसर या कैंसर स्टेज तक बहुत कम महिलाएं पहुंचती हैं। परेशानी की बात है यह है कि इस कैंसर के लक्षण 15 साल बाद दिखने शुरू होते हैं, जो 35 की उम्र तक नजर आते हैं। मगर, यह वैक्सीन कैंसर के जोखिमों को कम करेगी, जिससे औरतें प्री कैंसर या कैंसर स्टेज तक नहीं पहुंचेगी।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के टिप्स
. 30 की उम्र के बाद हर 1 साल बाद पैपस्मीयर टेस्ट करवाएं। अगर आप वैक्सीन लगवा रही है तो भी जांच करवाना जरूरी है।
. डाइट में ज्यादा से ज्याजा हैस्दी चीजें शामिल करें और जंक फूड्स, प्रोसेस्ड, मसालेदार भोजन से परहेज रखें।
. रोजाना एक्सरसाइज व योग जरूर करें। इसके अलावा भोजन के बाद कम से कम 10 मिनट की सैर करें।
. धूम्रपान और शराब जैसी गलत आदतों को छोड़ दें क्योंकि इससे कई तरह के कैंसर का खतरा रहता है।
. वजन को कंट्रोल में रखें क्योंकि इससे भी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ता है।