भारत में नारी सशक्तिकरण को लेकर चलाए जा रहे अभियानों का असर अब देखने को मिल रहा है। एक ऐसा देश जो वैश्विक लैंगिक समानता की रैकिंग में 146 देशों में 135वें स्थान पर है, उस देश में महिला पायलटों के मामले में पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया। इंटरनेशनल सोसायटी आफ वीमन एयरलाइन पायलट्स ने रिपोर्ट जारी कर यह जानकारी दी है।
भारतीय एयरलाइन पायलटों में 12.4 प्रतिशत महिलाएं
आंकड़ों के अनुसार में कुल पायलटों में 5.8 % महिलाएं हैं। भारत महिला के मामले में विश्व औसत से आगे निकल गया है। भारत में महिला पायलटों का अनुपात 12.4 % है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
कंघे से कंधा मिलाकर महिलाएं आईं आगे
पहले जिन क्षेत्रों में पुरुषों का एकाधिकार माना जाता है, आज महिलाएं वहां भी परचम फहरा रही हैं। एसटीईएम और तकनीकी क्षेत्रों इनके एक आकर्षण बने हैं। भारतीय सशस्त्र बल में भी महिला पायलटों की भर्ती में तेजी आई है।
परिवार से मिल रहा है समर्थन
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिला पायलटों को अपने परिवार से भी पूरा समर्थन मिल रहा है। इसी वजह से एक ऐसी नौकरी जहां ज्यादातर समय परिवार से दूर बिताना पड़ता है, उसमें भी महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले पा रही हैं।
एयरलाइंस दे रही है महिलाओं को जरुरी सुविधाएं
भारत में एयरलाइंस ने महिला पायलट्स के लिए काफी सुविधाजनक माहौल तैयार किया है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन 'इंडिगो' की बात करें तो ये महिला पायलट को काफी आसान शर्तों पर जॉब देती है। महिला पायलट को प्रेग्नेंसी के दौरान उड़ान की ड्यूटी नहीं दी जाती। कानून के अनुसार, उन्हें 26 महीने की तनख्वाह के साथ मैटरनिटी लीव दी जाती है। इसके साथ ही बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच भी उपल्बध होते हैं। जब तक बच्चा 5 साल का न हो जाए, तब तक महिला पायलेट्स फ्लेक्सिबल कॉन्ट्रैक्ट ले सकती हैं। इसमें एक कैलेंडर महीने में 2 हफ्ते की छुट्टी दी जाती है।