
नारी डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने पति की मौत के बाद पत्नी को मिलने वाले मुआवजे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बीमा कंपनी की सभी दलीलें खारिज करते हुए कहा कि सरकारी नौकरी वाली पत्नी भी मुआवजे की हकदार है। कोर्ट का कहना है कि पति की मौत के बाद पत्नी सुख-सुविधाओं से वंचित हो जाती है।

दरअसल 24 फरवरी 2014 को बिजली कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को तेज रफ्तार बाइक सवार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी पॉलिटेक्निक कॉलेज में लेक्चरर और मां पेंशनर है। इसलिए बीमा कंपनी ने इन दोनों लोगों को मुआवजे का हकदार नहीं माना था। बीमा कंपनी ने हाईकोर्ट को तर्क दिया कि मृतक की पत्नी सरकारी नौकरी में है और मां पेंशनर है। इसलिए ये दोनों बीमाधारक पर आश्रित नहीं हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस नीना कृष्णा बंसल की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए बीमा कंपनी की दलीलें खारिज करते हुए कमाऊ पत्नी को भी मुआवजा पाने का हकदार माना है। हाईकोर्ट ने कहा “बेशक पत्नी सरकारी नौकरी कर रही है, लेकिन पति के अच्छे ओहदे पर रहने के दौरान यह महिला अतिरिक्त सुख सुविधा पा रही होगी। पीठ ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि वह सड़क हादसे में मौत का शिकार बने युवक के परिवार को नौ प्रतिशत ब्याज के साथ दो करोड़ 85 लाख 96 हजार 525 रुपये का भुगतान करें।