
नारी डेस्क: सऊदी अरब के मक्का में इतिहास रचा गया है। इस्लाम के पवित्र शहर की ज़मीन से हाल ही में एक ऐसा सोने का खजाना मिला है, जिसने दुनियाभर के निवेशकों और खनन उद्योग की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मीलों तक फैले इस भंडार से मिलने वाले आंकड़े इतने चौंकाने वाले हैं कि सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ये खोज सऊदी की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने वाली है और "विजन 2030" का गोल्डन चैप्टर बन सकती है। तो चलिए, जानते हैं आखिर कितना है ये सोना और इसका क्या होगा असर दुनिया पर।
कितनी मात्रा में है सोना?
रिपोर्ट्स के अनुसार, उरुक (Uruk) नामक क्षेत्र में ड्रिलिंग (खुदाई) से पता चला है कि एक टन चट्टानों में करीब 10.4 ग्राम सोना निकल सकता है। वहीं, कुछ अन्य जगहों पर यह मात्रा 20.6 ग्राम प्रति टन तक हो सकती है, जो बहुत ही ज्यादा मानी जाती है।

कहां तक फैला है यह खजाना?
इस खोज के बाद, सऊदी अरब की खनन कंपनी माडेन (Ma'aden) ने पूरे इलाके में करीब 25 किलोमीटर तक खुदाई करने का प्लान बनाया है। यह खुदाई जबल अल-गदरा और बीर अल-तवीला तक की जाएगी। शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 125 किलोमीटर क्षेत्र में सोने की मौजूदगी हो सकती है।
मंसूराह-मसारा खदान की भी बड़ी भूमिका
माडेन की रिपोर्ट के अनुसार, मंसूराह मसारा खदान में अब तक 70 लाख (7 मिलियन) औंस सोना पाया जा चुका है। इसमें से हर साल करीब 2.5 लाख औंस सोना निकाला जाता है। यह खदान अब तक की सबसे आधुनिक और बड़ी परियोजनाओं में से एक मानी जाती है।

विजन 2030 के तहत बड़ा कदम
माडेन के CEO रॉबर्ट विल ने कहा कि यह खोज सऊदी अरब की विजन 2030 योजना के तहत की गई है, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर विविध क्षेत्रों में विकसित करने की कोशिश की जा रही है। माडेन में Public Investment Fund (PIF) की 67% हिस्सेदारी है, जिससे यह परियोजना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
क्या होगा इसका असर?
देश को नई आमदनी का स्रोत मिलेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा। सऊदी अब केवल तेल पर निर्भर नहीं रहेगा। वैश्विक सोना उत्पादक देशों की सूची में सऊदी को ऊंचा स्थान मिल सकता है।

दुनिया भर में सोने की मांग लगातार बढ़ रही है, और ऐसे समय में सऊदी अरब की यह खोज उसे न सिर्फ खनिज क्षेत्र में बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी नई पहचान दिला सकती है।