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सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल लैब और मेडिकल कॉलेजों में हजारों सीटें बढ़ेंगी, छात्रों को मिलेगा बड़ा फायदा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 01 Feb, 2025 01:41 PM
सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल लैब और मेडिकल कॉलेजों में हजारों सीटें बढ़ेंगी, छात्रों को मिलेगा बड़ा फायदा

नारी डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में आम बजट 2025 पेश किया, जिसमें शिक्षा क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। खासकर, मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले पांच सालों में देश भर के मेडिकल कॉलेजों में 10,000 सीटें बढ़ाई जाएंगी।

मेडिकल सीटों का बढ़ना 

देश में हमेशा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है, क्योंकि सरकारी कॉलेजों में सीटों की कमी रहती है। इससे छात्रों को प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाई करनी पड़ती है, जिनकी फीस बहुत ज्यादा होती है। अब, सरकार द्वारा सीटों की संख्या बढ़ाने से छात्रों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही, केंद्रीय बजट में यह भी घोषणा की गई है कि सरकार 6500 सीटें IITs में बढ़ाएगी और 3 नए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सेंटर खोले जाएंगे।

मेडिकल शिक्षा में वृद्धि 

वर्तमान में, देश में कुल 1,12,112 एमबीबीएस सीटें हैं, लेकिन इन सीटों पर प्रवेश के लिए हर साल भारी प्रतियोगिता होती है। 2014 तक, एमबीबीएस सीटों की संख्या केवल 51,348 थी। तब देश में कुल 387 मेडिकल कॉलेज थे। अब 2024 तक देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 731 हो गई है, और अब इन कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ ही, पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सीटों की संख्या भी बढ़ी है, जो 2014 में 31,185 थी और अब 2024 तक 72,627 हो गई है।

सीटें बढ़ाने से छात्रों को मिलेगा लाभ 

अब सवाल यह है कि इन सीटों का सबसे ज्यादा फायदा किन राज्यों को होगा? यह लाभ पूरे देश के छात्रों को मिलेगा, क्योंकि एम्स और अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जाएंगी। इससे छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा, जो पहले सीमित था।

इस बदलाव से खासकर उन छात्रों को राहत मिलेगी जो प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाई करने का खर्च नहीं उठा सकते। इससे छात्रों को मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी और सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई करने का एक अच्छा अवसर मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कदम मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार साबित होगा। आने वाले सालों में, मेडिकल कॉलेजों की बढ़ी हुई सीटों से अधिक छात्र एमबीबीएस और पीजी की पढ़ाई कर पाएंगे, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक डॉक्टर और विशेषज्ञ तैयार होंगे।

छात्रों को कितना मिलेगा फायदा?

असल में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य देशभर के छात्रों तक इनोवेशन और टेक्नोलॉजी की पहुंच बनाना है, ताकि वो किसी भी मामले में दुनिया से पीछे न रहें. अटल लैब की स्थापना के लिए स्कूलों का चयन किया जाता है और फिर वहां लैब्स बनाए जाते हैं, फिर छात्रों को नई-नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताया और सिखाया जाता है. इन प्रयोगशालाओं में 3D प्रिंटर, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट टूल्स और सेंसर आदि के बारे में छात्रों को बताया जाता है कि उन्हें कैसे बनाया जाता है, वो कैसे काम करते हैं. इससे छात्रों की टेक्नोलॉजी के बारे में समझ बढ़ती है और वो आगे चलकर इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं
 
 

  

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