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लगातार पेल्विक एरिया में दर्द महिलाओं के लिए खतरे की घंटी! अब न करें इग्नोर

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 25 Sep, 2025 07:24 PM
लगातार पेल्विक एरिया में दर्द महिलाओं के लिए खतरे की घंटी! अब न करें इग्नोर

नारी डेस्कः कुछ हैल्थ समस्याएं ऐसी होती हैं जो सिर्फ महिलाओं को ही होती है जैसे पेल्विक एरिया में दर्द होना। वैसे कभी कभार हो तो इसमें घबराने वाली बात नहीं लेकिन अगर दर्द लगातार बना रहता है तो यह किसी हैल्थ इश्यूज की निशानी हो सकती है। 

पेल्विक एरिया क्या है?

महिलाओं के शरीर का पेल्विक एरिया (Pelvic Area) निचले हिस्से को कहा जाता है, जो पेट और जांघों के बीच होता है। इसमें गर्भाशय (Uterus), अंडाशय (Ovaries), फैलोपियन ट्यूब, मूत्राशय (Bladder), आंतों का निचला हिस्सा और पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां आती हैं। यही क्षेत्र महिला के प्रजनन स्वास्थ्य, मूत्र संबंधी क्रियाओं और पाचन तंत्र से जुड़ा होता है। इस हिस्से में अगर लगातार दर्द रहता है तो यह कई बार किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।

पेल्विक एरिया में दर्द के कारण

मासिक धर्म संबंधी समस्या – पीरियड्स के समय क्रैम्प्स, एंडोमीट्रियोसिस या फाइब्रॉइड की वजह से पेल्विक दर्द हो सकता है।

गर्भावस्था से जुड़ी दिक्कतें – शुरुआती गर्भावस्था में खिंचाव, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या गर्भपात के संकेत के रूप में दर्द।

संक्रमण (Infections) – यूटीआई, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़ (PID) या यौन संचारित संक्रमण।

हार्मोनल असंतुलन – PCOS या थायरॉयड गड़बड़ी।

पाचन और मूत्राशय की समस्याएं – कब्ज़, गैस, ब्लैडर इंफेक्शन या इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस।

मांसपेशी और हड्डियों की समस्या – पेल्विक फ्लोर मसल्स की कमजोरी या गलत मुद्रा।
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किन महिलाओं को यह समस्या ज्यादा रहती है?

जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड्स या बहुत दर्दनाक माहवारी होती है।
PCOS या एंडोमीट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं।
बार-बार यूटीआई या यौन संक्रमण होने वाली महिलाएं।
गर्भावस्था के शुरुआती या अंतिम महीनों में महिलाएं।
जिन महिलाओं ने डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होने का अनुभव किया है।
बैठकर काम करने वाली महिलाएं, जिन्हें लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहना पड़ता है।

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लगातार दर्द रहने पर करवाने वाले जरूरी टेस्ट

अगर पेल्विक एरिया में दर्द बार-बार या लगातार हो रहा है, तो डॉक्टर निम्न जांचें करवाने की सलाह दे सकते हैं:

अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound): गर्भाशय, अंडाशय, फाइब्रॉइड या सिस्ट की जांच के लिए।

ब्लड टेस्ट: हार्मोनल असंतुलन, इंफेक्शन या सूजन के मार्कर जानने के लिए।

यूरीन टेस्ट (Urine Test): मूत्र संक्रमण (UTI) या ब्लैडर संबंधी समस्या पता करने के लिए।

पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear): गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) की कोशिकाओं में बदलाव और कैंसर की संभावना जांचने के लिए।

लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy): जब अल्ट्रासाउंड से वजह साफ न हो तो एंडोमीट्रियोसिस, चिपकाव या अन्य गड़बड़ियां देखने के लिए।

MRI/CT Scan: गंभीर या जटिल स्थिति में गहरी जांच के लिए।

STD Tests: यौन संचारित संक्रमण (गोनोरिया, क्लैमाइडिया आदि) की पुष्टि करने के लिए।
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घरेलू राहत के उपाय

गर्म पानी की सिकाई: पेट और पेल्विक पर करने से मांसपेशियों की जकड़न कम होती है।

हल्दी और अदरक का सेवन: सूजन और दर्द घटाने में मदद करता है।

फाइबर युक्त आहार: कब्ज़ और गैस से होने वाले दबाव को कम करता है।

योग और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज: रक्त संचार बढ़ाकर दर्द कम करने में सहायक।

भरपूर पानी: संक्रमण की संभावना को कम करता है।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर दर्द लगातार 2–3 हफ्ते से ज्यादा समय तक बना रहे।
दर्द के साथ भारी ब्लीडिंग, दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज, बुखार, उल्टी या चक्कर हो।
गर्भावस्था में असामान्य दर्द महसूस हो।

याद रखें:  महिलाओं के पेल्विक एरिया का दर्द कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह लगातार और बार-बार हो तो इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है।

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