बच्चों को जीवन में आगे बढ़ाने के लिए और उन्हें प्रेरित करने के लिए तारीफ जरुरी है। लेकिन कई बार पेरेंट्स बच्चों की जरुरत से ज्यादा तारीफ कर देते हैं जिसके चलते बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है। ज्यादा तारीफ करने से बच्चे ओवर कॉन्फिडेंट हो जाते हैं। उनके मन में ऐसे विचार आने लगते हैं कि यदि वह कुछ गलती करेंगे तो भी पेरेंट्स उन्हें कुछ नहीं बोलेंगे। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों की तारीफ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।
सबसे सामने अच्छा न बोलें
पेरेंट्स बच्चों को दोस्तों, रिश्तेदारों के सामने बहुत अच्छा, बहुत पढ़ाकू और ईमानदार बोलने लगते हैं। लेकिन बच्चों में यह बातें समय और उम्र के साथ बदलती रहती हैं इसलिए इन बातों की तारीफ आप बच्चों की न करें। जब बच्चों को किसी चीज में परफेक्ट या बहुत अच्छा बताते हैं तो उनमें ओवर कॉन्फिडेंस आ जाता है उन्हें लगता है कि अगर वह थोड़ी गड़बड़ भी कर देंगे तो कोई भी नहीं मानेगा।
तुलना करते हुए
कभी भी बच्चों के सामने किसी दूसरी बच्चे के साथ उसकी तुलना करते हुए तारीफ न करें। ऐसी तारीफ का असर बच्चों के दिमाग पर नेगेटिव पड़ता है।
तारीफ काम की करें
बच्चों की ऐसी तारीफ करें कि उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़े और वो ओवर कॉन्फिडेंट भी न हो। ऐसे में आप हमेशा उनके काम की ही तारीफ करें जैसे मान लें यदि आपके बच्चे ने घर की सफाई की है तो उसे बार-बार अच्छा कहने की जगह आप यह बोले कि उसने अच्छी तरह से सफाई की है यही सफाई करने का सही तरीका है।
झूठी तारीफ
कुछ पेरेंट्स बच्चों को दूसरों के सामने अच्छा दिखाने के लिए उनकी झूठी तारीफ कर देते हैं। लेकिन यह आदत बच्चे की स्किल डेवलपमेंट के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसके कारण बच्चों के अंदर किसी भी चीज को सीखने, समझने का जूनुन कम हो जाता है।
ऐसे काम की तारीफ करें
बच्चे कुछ चीजें करके सीखते हैं और कुछ वो खुद ही सीख जाते हैं। ऐसे में आप उनकी सिर्फ उसी बात की तारीफ करें जो उन्होंने खुद की हो। ऐसी चीज के लिए बच्चे को बिल्कुल भी न कहें जिसे उसने दूसरे की मदद से किया हो।