मनीप्लांट लगभग हर घर में पाया जाता है। यह गमलों, बोतलों, डिब्बों या किसी भी खाली पात्र में लगाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि मनीप्लांट की बढ़वार के साथ-साथ घर की धनसंपदा में भी वृद्धि होती है। इसी धारणा के साथ जुड़े लोग यह भी मानते हैं कि चोरी की मनीप्लांट लगाने से अधिकाधिक सम्पदा प्राप्त होती है। इसे किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है।
कई घरों में इसे इसकी सुंदर एवं आकर्षक पत्तियों के कारण लगाया जाता है। मनीप्लांट को वानस्पतिक भाषा में सिडांप्सस ओरियस कहा जाता है तथा यह पत्तियों के आकार एवं आकृति के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है। भारत में पाई जाने वाली किस्में इस प्रकार हैं :गोल्डन क्वीन, मार्बल क्वीन, ग्रीन ब्यूटी, सिल्वरमून, मेकरोफिला
मनीप्लांट लगाने की विधि
मनीप्लांट को किसी भी प्रकार की भूमि में ,बरामदे में, पानी से भरी कांच की बोतलों में, जीने या कमरों में, धूप या छांव वाले स्थानों पर लगाया जा सकता है। इसकी अच्छी बढ़वार के लिए हल्की दुमट उपजाऊ एवं नमीयुक्त भूमि उपयुक्त रहती है।
इसे अंधेरे कमरे में बिजली के बल्ब की रोशनी में भी गमले में लगाया जा सकता है।
इसे वर्षाकाल में दाब या जडय़ुक्त टहनी द्वारा लगाया जा सकता है तथा ताजी हवायुक्त, खुले स्थान में उपजाऊ भूमि में इसकी बेल 25 से 30 फीट तक बढ़ जाती है।
इस तरह रखें मनीप्लांट का ख्याल
इसकी मैली, सूखी शाखाओं एवं पत्तियों को समय-समय पर कांट-छांट कर, निकालने से पौधों की सुंदरता बनी रहती है।
इसकी सुंदरता इसकी सुंदर नुकीली, चिकनी एवं चमकीले पान सदृश पत्तियों के कारण होती है।
अत: फरवरी एवं वर्षाकाल में कम पत्तियों वाली शाखाओं को काटकर एवं सूखी पत्तियों को हटाने से सुंदरता बनी रहती है।
इसकी पत्तियों में सर्द ऋतु में धब्बे बन जाते हैं जो तापमान बढ़ने पर स्वत: ही कम हो जाते हैं।