कल से नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान माता के अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है और उनकी विशेष कृपा पाने के लिए लोग उपवास भी रखते हैं। कहा जाता है कि 9 दिनों तक पूरे विधि- विधान से माता की पूजा और कन्या पूजन से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री के नाम होता है। आइए आपको बताते हैं मां शैलपुत्री की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और प्रिय भोग के बारे में....
मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के प्रतिपदा तिथि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री की पूजा कलश स्थापना होने के बाद यानी सुबह के 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 23 मिनट के बीच में कर सकते हैं।
मां शैलपुत्री की पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पूजा में विधि- विधान का बहुक महत्व होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन यानी मां शैलपुत्री की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए कलश स्थापना करें और मां शैलपुत्री को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें। अक्षत अर्पित करने के बाद मां का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद मां शैलपुत्री को सफेद फूल अर्पित करें और आरती उतारकर भोग लगाएं।
मां शैलपुत्री का ये है पसंदीदा भोग
मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग जैसे खीर, चावल सफेद मिठाई आदि इन चीजों का भोग अर्पित किया जा सकता है। इसके साथ ही आप गाय के घी का भोग भी लगा सकते हैं।