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अष्टमी-नवमी पर ऐसे करें कन्या पूजन, रखें इन नियमों का विशेष ध्यान

  • Edited By neetu,
  • Updated: 11 Oct, 2021 04:53 PM
अष्टमी-नवमी पर ऐसे करें कन्या पूजन, रखें इन नियमों का विशेष ध्यान

नवरात्रि का त्योहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की बड़ी धूमधाम से पूजा होती है। इसके साथ ही नवरात्रि के आठवें व नौवें दिन पर अष्टमी और नवमी तिथि मनाई जाती है। इस दिन कन्या पूजन करने का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इससे देवी मां का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-शांति, खुशहाली का वास होता है। मगर कन्या पूजन के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। तभी कन्या पूजा सफल मानी जाती है। चलिए जानते हैं कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि...

अष्टमी-नवमी शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि- 12 अक्तूबर 2021, रात 09:47 मिनट से 13 अक्तूबर 2021, रात 08:06 मिनट तक
नवमी तिथि- 13 अक्तूबर 2021, रात 08:07 मिनट से 4 अक्तूबर शाम 06:52 मिनट तक

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कन्‍याओं की उम्र का रखें ध्यान

2 से 10 साल के बीच की कन्याओं का पूजन करना शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन में बालक भी जरूर शामिल करें

कन्या पूजन के दौरान नौ कन्याओं के साथ 1 बालक को भी बिठाया जाता है। बालक को बटूक भैरव का रूप माना जाता है। साथ ही देवी मां की पूजा के बाद बटूक भैरव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसलिए आप भी कंजक पूजा में एक बालक को जरूर स्थान दें। नहीं तो इनके बिना आपकी पूजा अधूरी मानी जाएगी।

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कन्याओं व बालक के पैर धोएं

कन्याओं व बालक के घर के अंदर प्रवेश करने से पहले उनके पैर जरूर धोएं। इसके लिए एक लोटे में कच्चा दूध मिश्रित पानी लें। फिर उसे थोड़ा-थोड़ा कन्याओं और बालक के पैरों पर डालें। बाद में उसके पैर साफ कपड़े से पोंछे। फिर माता रानी के जयकारे लगाते हुए उन्हें घर के अंदर प्रवेश करवाएं। उसके बाद उनके पैरों को छूकर आशीर्वाद लेते हुए उन्हें साफ आसन पर बिठाएं।

ऐसे करें पूजा

सबसे पहले देवी मां को कुमकुम का तिलक लगाएं। मौली, फूल, चावल अर्पित करें। कन्याओं के सिर पर लाल चुनरी रखें। हलवा, पुरी, चने, नारियल का भोग लगाएं। बाद में कन्याओं और बालकर को कुमकुम का तिलक लगाकर मौली बांधे। उन्हें प्रसाद खिलाएं।

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पूजा के बाद ऐसे करें कन्‍याओं को व‍िदा

कन्या पूजन के बाद कन्याओं को फल, खिलौने आदि उपहार में दें। फिर अपनी इच्छा अनुसार, उन्हें दक्षिणा दें। माता रानी के जयकारे लगाते हुए उनके पैर छुकर आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें। मान्यता है कि इसतरह कन्या पूजन करने से देवी मां की असीम कृपा मिलती है।

 

 

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