पूरी दुनिया में बहुत सी ऐसी चीजें व जगह हैं, जो किसी को भी हैरानी में डाल सकती है। यहां तक कि भारत में भी कई ऐसी जगह है, जो खूबसूरत पहाड़ों व झरनों से बसे हैं। बात अगर झरनों की करें तो यहां पर हर किसी को घूमना पसंद है। मगर क्या आप जानते हैं कि यह झरने देखने में सुंदर लगने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है। जी हां, भारत में ऐसे कई झरने है जो शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में...
सहस्त्रधारा
घूमने के लिए देहरादून काफी खूबसूरत जगह है। इससे करीब 20 कि.मी. की दूरी पर सहस्त्रधारा का झरना बहता है। वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि इस झरने के पानी में भारी मात्रा में सल्फर पाया जाता है। ऐसे में इस पानी में नहाने से शारीरिक व मानिसक बीमारियां दूर होने में मदद मिलती है।
गुरुडोंगमार झील (उत्तरी सिक्किम, सिक्किम)
यह भारत की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। इसे हिंदू, बौद्ध व सिख धर्मों द्वारा पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि हर झील साल में कई महीने जमी रहती थी। ऐसे में लोगों को पानी नहीं मिलता था। मगर गुरू पद्मसंभव द्वारा इसे छुने पर पानी पिघल गया। ऐसे में लोग इस जल को पवित्र मान कर पीते हैं। साथ ही यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इसे पीने से सेहत दुरुस्त रहती है।
पुष्कर सरोवर (पुष्कर, राजस्थान)
हिंदू धर्म में पुष्कर सरोवर को बेहद पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि यह महाभारत व रामायण के समय से धरती पर है। प्राचीन काल से ही लोग इसमें डुबकी लगाना शुभ मानते हैं। कहा जाता है कि इसके जल से पाप धुलने के साथ शारीरिक बीमारियां दूर होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही लोगों का मानना है कि इस सरोवर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
भीमकुंड (छतरपुर, मध्य प्रदेश)
भीमकुंड बेहद ही रहस्मयी झील है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,यह झील महाभारत काल से स्थित है। साथ ही इसकी गहराई को मापना बेहद ही मुश्किल भरा काम है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा आने से पहले इस झील के पानी का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। मकर संक्रांति के शुभ दिन पर इस कुंड में डुबकी लगाना बेहद शुभ माना जाता है। लोगों का कहना है कि इसके जल से पापों से मुक्ति मिलने के साथ सेहत में सुधार होता है।