नारी डेस्क: महिलाओं के शरीर में कई प्राकृतिक बदलाव होते हैं, जिनमें से एक है योनि से सफेद पानी यानी व्हाइट डिस्चार्ज या ल्यूकोरिया का आना। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, खासकर पीरियड्स से पहले या ओव्यूलेशन के समय। हालांकि, यह स्थिति पूरी तरह सामान्य होती है जब तक इसमें किसी तरह की गंध, रंग, या खुजली जैसी समस्याएं न हों। लेकिन, कभी-कभी यह महिलाओं की खराब सेहत या संक्रमण का संकेत भी हो सकता है। आज हम समझेंगे कि किन स्थितियों में व्हाइट डिस्चार्ज सामान्य होता है और कब यह आपकी सेहत के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
वाइट डिस्चार्ज कब है नॉर्मल?
महिलाओं के हार्मोनल बदलाव
हार्मोन में बदलाव या वजाइनल इंफेक्शन के कारण डिस्चार्ज की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। जैसे, ओवुलेशन के दौरान वाइट डिस्चार्ज ज्यादा होता है। यह पूरी तरह से नेचुरल हार्मोनल बदलाव का हिस्सा है, यानी जैसे-जैसे शरीर के अंदर हार्मोन बदलते हैं, वैसे-वैसे वाइट डिस्चार्ज भी थोड़ा बदल सकता है।
पीरियड्स के बाद:
पीरियड्स के बाद कुछ दिन हल्का सफेद डिस्चार्ज हो सकता है, जो नॉर्मल है और कोई चिंता का कारण नहीं है।इसका रंग कभी-कभी हल्का पीला भी हो सकता है। लेकिन इसके कारण आपको खुजली, जलन या वजाइना में कोई और समस्या नहीं हो रही है, तब तक यह नार्मल माना जाता है।
नार्मल रंग और स्मेल:
महिलाओं को पीरियड सर्कल के दौरान कई तरह का वाइट डिस्चार्ज होता है। नार्मल स्थिति में एक दिन में एक चम्मच के आसपास साफ वाइट डिस्चार्ज होता है। यह गाढ़ा या पतला हो सकता है। इसका रंग सफेद हो और इसमें किसी तरह की स्मेल ना आ रही हो तो यह नॉर्मल है। कई बार यह हल्के पीले रंग का भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान:
गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में भी वाइट डिस्चार्ज बढ़ सकता है, जो नार्मल है। यह शरीर के बदलावों और गर्भाशय में हो रहे बदलावों के कारण होता है।
कब वाइट डिस्चार्ज नहीं है नॉर्मल?
रंग में बदलाव
अगर वाइट डिस्चार्ज में गहरा पीला, हरा, भूरे रंग का या खून जैसा रंग हो, तो यह इन्फेक्शन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।खासकर अगर यह ब्लीडिंग के साथ हो, तो यह गर्भाशय या योनि के किसी अन्य रोग का संकेत हो सकता है।
स्मेल
बदबूदार डिस्चार्ज इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है।वाइट डिस्चार्ज में तेज, मछली जैसी स्मेल आना बैक्टीरियल इन्फेक्शन, जैसे बैक्टीरियल वैजिनोसिस (BV) का साइन हो सकता है।
यदि स्मेल अमोनिया जैसी हो तो यह यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या किडनी से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है।
जलन या खुजली
योनि में जलन या खुजली होना भी नार्मल नहीं है। यदि वाइट डिस्चार्ज के साथ योनि में जलन, खुजली, या सूजन हो, तो यह फंगल संक्रमण (जैसे कैंडिडा) या सेक्सually transmitted infections (STIs) का संकेत हो सकता है।
दर्द या असुविधा
अगर वाइट डिस्चार्ज के साथ पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीठ में दर्द, या सेक्स के दौरान असुविधा महसूस हो, तो यह गर्भाशय या अंडकोष से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
अत्यधिक मात्रा में डिस्चार्ज:
अगर वाइट डिस्चार्ज की मात्रा बहुत अधिक हो और यह लगातार जारी रहे, तो यह किसी संक्रमण या हार्मोनल असंतुलन की स्थिति हो सकती है।
ये हो सकते हैं वाइट डिस्चार्ज के कारण
मेंस्ट्रुएशन, गर्भावस्था, ओवुलेशन या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल इंबैलेंस वाइट डिस्चार्ज का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए हार्मोन के कारण वाइट डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ सकती है।
जैसे क्लेमीडिया, गोनोरिया, या ट्राइकोमोनास जैसी यौन संचारित बीमारियां वाइट डिस्चार्ज का कारण बन सकती हैं।
कैंडिडा फंगल संक्रमण के कारण योनि में खुजली, जलन और वाइट डिस्चार्ज हो सकता है।
बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी योनि से बदबूदार वाइट डिस्चार्ज हो सकता है।
गर्भाशय में किसी प्रकार की सूजन, पॉलिप्स या फाइब्रॉइड्स के कारण भी वाइट डिस्चार्ज हो सकता है।
कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास?
1.यदि डिस्चार्ज में अत्यधिक स्मेल, रंग या मात्रा में बदलाव हो।
2.यदि योनि में जलन, खुजली, या सूजन महसूस हो।
3.यदि डिस्चार्ज के साथ पेट में दर्द या असुविधा हो।
4.अगर डिस्चार्ज के साथ खून आए या असामान्य ब्लीडिंग हो।
5.यदि आपको यौन संचारित रोग (STIs) का संदेह हो।
6.यदि आपके मेंस्ट्रुएशन सर्कल में गड़बड़ी हो या ओवुलेशन के समय सामान्य से अधिक डिस्चार्ज हो।