27 DECFRIDAY2024 1:33:35 AM
Nari

फेफड़ों में ट्यूमर के रोज दिखने वाले लक्षणों को, न करें नजरअंदाज बढ़ सकता है खतरा!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 26 Dec, 2024 12:30 PM
फेफड़ों में ट्यूमर के रोज दिखने वाले लक्षणों को, न करें नजरअंदाज बढ़ सकता है खतरा!

नारी डेस्क: फेफड़ों में ट्यूमर (Lung Tumor) या लंग्स कैंसर एक गंभीर बीमारी है, और यह अक्सर तब पता चलता है जब समस्या बहुत बढ़ चुकी होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंग कैंसर का इलाज समय रहते न मिलने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। यही वजह है कि इस बीमारी के लक्षणों को सही समय पर पहचानना बेहद जरूरी है।

फेफड़ों में ट्यूमर बनने के कारण 

धूम्रपान (Smoking) 

धूम्रपान फेफड़ों में ट्यूमर और लंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। जो लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, उनमें लंग्स के ट्यूमर होने का खतरा 20 गुना ज्यादा होता है। इसके अलावा, धूम्रपान केवल खुद के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि सेकेंड हैंड स्मोक (passive smoke) से भी कैंसर का खतरा हो सकता है।

PunjabKesari

एयर पॉल्यूशन (Air Pollution)

बढ़ते प्रदूषण के कारण लंग्स ट्यूमर के मामले भी बढ़ रहे हैं। हवा में मौजूद हानिकारक गैसों और धूल के कण फेफड़ों में जाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। प्रदूषण से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जो फेफड़ों के ट्यूमर की शुरुआत का कारण बन सकता है। खासकर बड़े शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है। प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित व्यक्ति समय के साथ अस्थमा, श्वसन समस्याएं और फेफड़ों के अन्य रोगों से भी जूझ सकते हैं।

जेनेटिक्स (Genetics)

यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पहले लंग कैंसर का इतिहास रहा है, तो उसे आनुवंशिक रूप से फेफड़ों में ट्यूमर होने का खतरा हो सकता है। जीन्स में बदलाव और अनुवांशिक असमानताएं कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। ऐसे व्यक्ति जो परिवार में पहले किसी को लंग कैंसर का शिकार होते देख चुके हैं, उन्हें नियमित जांच करवानी चाहिए और धूम्रपान व प्रदूषण से बचने के लिए सचेत रहना चाहिए। इस प्रकार के मामलों में, परिवार के इतिहास को जानकर सावधानी बरतना जरूरी होता है।

PunjabKesari

लंग ट्यूमर के लक्षण-

सांस लेने में परेशानी

अगर आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो यह फेफड़ों में ट्यूमर का संकेत हो सकता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लगातार खांसी

अगर आपको कई हफ्तों से खांसी हो रही है, जो ठीक नहीं हो रही, तो यह भी लंग्स में ट्यूमर का लक्षण हो सकता है। खांसी के अन्य कारण हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक खांसी रहना लंग कैंसर का संकेत भी हो सकता है।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: Year Ender 2024: इन बीमारियों ने इस साल मचाया हड़कंप, जान लीजिए इनके बारे में 

छाती में दर्द

यदि छाती में दर्द महसूस हो रहा है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। कई बार लोग इसे एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में गंभीर समस्या बन सकती है।

अचानक वजन कम होना

फेफड़ों में ट्यूमर के कारण बिना किसी कारण के वजन में कमी हो सकती है। अगर यह समस्या है तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह कैंसर का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है।

PunjabKesari

थकान और कमजोरी

अगर आप थोड़ी मेहनत से भी थक जाते हैं या सांस फूलने लगती है, तो यह भी फेफड़ों की कमजोरी और ट्यूमर का लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कमजोर फेफड़े पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं ले पाते।

फेफड़ों में ट्यूमर का इलाज-

एक्स-रे (X-Ray) – डॉक्टर फेफड़ों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक्स-रे कर सकते हैं।

सीटी स्कैन (CT Scan) – अधिक सटीक जानकारी के लिए सीटी स्कैन भी किया जाता है।

PunjabKesari

लंग कैंसर से बचाव-

धूम्रपान से दूर रहना सबसे प्रभावी तरीका है। स्वच्छ और ताजे वायु में सांस लें और प्रदूषण से बचने की कोशिश करें। नियमित स्वास्थ्य चेकअप करवाना जरूरी है। सावधानी और जल्दी इलाज से लंग्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को समय रहते रोका जा सकता है, इसलिए इन लक्षणों को नज़रअंदाज न करें।
 

 

  

Related News