नारी डेस्क: डायबिटीज आज के समय में एक आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है- टाइप 1 और टाइप 2। डायबिटीज शरीर में ब्लड शुगर लेवल के अनियंत्रित होने के कारण होती है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना न जाए, तो यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
डायबिटीज के मुख्य लक्षण
बार-बार गले का सूखना और प्यास लगना
डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में गले या मुंह का बार-बार सूखना शामिल है। इस स्थिति में व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है और एक बार में बहुत सारा पानी पीने की जरूरत महसूस होती है। यह लक्षण टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों में सामान्य है।
मसूड़ों में समस्या और दांतों का कमजोर होना
डायबिटीज के मरीजों को मसूड़ों की बीमारियों का खतरा अधिक होता है। मसूड़ों में प्लाक बनने से दांतों के बीच गैप आ सकता है और दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। कई शोध बताते हैं कि डायबिटीज रोगियों के दांत अन्य बीमारियों के मुकाबले जल्दी खराब होते हैं।
बार-बार पेशाब आना (पॉली यूरिया)
डायबिटीज से शरीर में शुगर लेवल बढ़ने के कारण बार-बार पेशाब करने की समस्या हो सकती है। इसे पॉली यूरिया कहा जाता है। यह समस्या रात में भी परेशान करती है और बार-बार बाथरूम जाने से नींद खराब हो सकती है।
पैरों में सूजन
डायबिटीज के कारण ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे पैरों में सूजन आ सकती है। यह स्थिति असुविधाजनक होती है और विशेष रूप से रात के समय, जब शरीर आराम कर रहा होता है, अधिक परेशान कर सकती है।
रात में पसीना आना
डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है, जिसकी वजह से कुछ लोगों को रात में पसीना आने की समस्या हो सकती है। यह स्थिति बेचैनी का कारण बनती है और नींद खराब कर सकती है।
डायबिटीज से बचाव के उपाय
डायबिटीज से बचने या इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है।
नियमित एक्सरसाइज
रोजाना 30 मिनट तक नियमित रूप से व्यायाम करना न केवल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है, बल्कि यह वजन को भी संतुलित रखता है। आप वॉकिंग, साइकिलिंग, योग, जॉगिंग या डांस जैसी गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। सुबह के समय व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। इसके अलावा, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो एक्सरसाइज भी डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
हेल्दी डाइट
अपने भोजन में ज्यादा चीनी, तली-भुनी चीजों और जंक फूड को कम करें, क्योंकि ये ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक और मेथी, साबुत अनाज, जैसे ओट्स और ब्राउन राइस, तथा फल, जैसे सेब और जामुन शामिल करें। प्रोटीन के लिए दालें, मूंगफली, अंडे और मछली का सेवन करें। खाना हमेशा छोटे-छोटे हिस्सों में खाएं और एक साथ ज्यादा भोजन करने से बचें। खाने के तुरंत बाद आराम न करें और हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें।
पर्याप्त पानी पिएं
पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो पानी पीने से किडनी बेहतर काम करती है और ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है। मीठे ड्रिंक्स या सोडा के बजाय सादा पानी पिएं। गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए नींबू पानी या नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं।
नींद का ध्यान रखें
पर्याप्त नींद न लेने से ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है और शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ सकता है। हर रात कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें और रिलैक्सिंग गतिविधियां, जैसे किताब पढ़ना या ध्यान लगाना, अपनाएं। सोने का समय और जागने का समय नियमित रखें। नींद की कमी से तनाव बढ़ सकता है, जो डायबिटीज को और गंभीर बना सकता है।
ब्लड शुगर की नियमित जांच करें
डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच बेहद जरूरी है। अगर आपके पास ग्लूकोमीटर है, तो घर पर भी जांच कर सकते हैं। जांच करने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि कौन-से खाद्य पदार्थ या गतिविधियां आपके शुगर लेवल को प्रभावित कर रही हैं। समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लें और अपने ब्लड शुगर का रिकॉर्ड रखें। किसी भी असामान्य बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित जांच से आप डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं से बच सकते हैं।
डायबिटीज के इन लक्षणों को पहचानना और समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और इससे जुड़े जोखिमों को कम किया जा सकता है।