नारी डेस्क: पैरासिटामोल एक सामान्य दर्द निवारक दवा है, जिसे लोग बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, और अन्य हल्के दर्दों के इलाज के लिए लेते हैं। हालांकि, इसका अत्यधिक और अनियंत्रित सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि पैरासिटामोल का ज्यादा सेवन सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं कि पैरासिटामोल का अत्यधिक सेवन किस तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
लिवर की समस्याएं
पैरासिटामोल का अत्यधिक सेवन लिवर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अगर आप रोजाना 4 ग्राम से अधिक पैरासिटामोल का सेवन करते हैं, तो यह आपके लिवर के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके सेवन से पीलिया, लिवर फेलियर और लिवर की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। समय के साथ, लिवर की कार्यक्षमता पर इस दवा का असर बढ़ सकता है, जो लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता तक जा सकता है। इससे आपके शरीर में टॉक्सिन्स का सही तरीके से निष्कासन नहीं हो पाता और आपका स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
किडनी पर प्रभाव
पैरासिटामोल का लंबे समय तक सेवन किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे प्रभावित कर सकता है। इससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि पैरासिटामोल के तत्व किडनी में जमा हो सकते हैं और उसके ठीक से काम करने में रुकावट डाल सकते हैं। किडनी की समस्या के कारण शरीर में तरल पदार्थ और खनिजों का असंतुलन हो सकता है, जिससे शरीर में सूजन और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अत्यधिक सेवन से किडनी के फेल होने का जोखिम गंभीर हो सकता है, और यह इलाज के लिए डायलिसिस की आवश्यकता भी पैदा कर सकता है।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
पैरासिटामोल का अत्यधिक और दीर्घकालिक सेवन रक्त परिसंचरण पर असर डाल सकता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। दवा के सेवन से रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया बढ़ सकती है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आ सकती है। इससे दिल और मस्तिष्क पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, जो जीवन के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा, लगातार सेवन से रक्तदाब में वृद्धि भी हो सकती है, जिससे दिल की बीमारी की संभावना और बढ़ जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
पैरासिटामोल का अत्यधिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। यह दवा डिप्रेशन, एंग्जायटी, और अन्य मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकती है। कई बार ओवरडोज़ से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता में कमी आ सकती है और वो मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है। इसकी वजह से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और व्यक्ति के सामान्य मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। मानसिक स्थिति पर इसका असर व्यक्ति के व्यवहार, सोच और कार्य करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
एलर्जी और अन्य साइड इफेक्ट्स
पैरासिटामोल का अधिक सेवन त्वचा पर एलर्जी पैदा कर सकता है, जिससे त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली और सूजन हो सकती है। सांस लेने में कठिनाई, गैस, एसिडिटी और पेट में दर्द जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। कभी-कभी, दवा के सेवन से पेट में अल्सर भी बन सकता है, जो शरीर को असहज महसूस कराता है। इसके अलावा, पैरासिटामोल से जिगर और आंतों में भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो व्यक्ति को अस्वस्थ बना सकती हैं। इन साइड इफेक्ट्स के कारण शरीर का सामान्य कार्य प्रभावित हो सकता है, और गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बचाव के उपाय
डॉक्टर के निर्देशानुसार लें: पैरासिटामोल का सेवन हमेशा डॉक्टर के निर्देश पर करें और उनकी सलाह के बिना दवा का सेवन न करें।
सेवन की सीमा पर ध्यान दें: पैरासिटामोल की खुराक की सीमा को कभी न बढ़ाएं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए सही आहार और नियमित व्यायाम करें।
पानी का सेवन बढ़ाएं: शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें।
पैरासिटामोल एक प्रभावी दर्द निवारक दवा है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके सेवन को नियंत्रित करना और डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। यदि आपको पैरासिटामोल लेने की आवश्यकता है, तो इसे सही खुराक और सीमित समय के लिए ही लें, ताकि इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके।