23 DECMONDAY2024 3:18:58 AM
Nari

साड़ी पहनने वाली महिलाओं के लिए बुरी खबर, कसकर पेटिकोट बांधने से हो सकता है कैंसर !

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Nov, 2024 05:27 PM
साड़ी पहनने वाली महिलाओं के लिए बुरी खबर, कसकर पेटिकोट बांधने से हो सकता है कैंसर !

नारी डेस्क: क्या आपको रोजाना साड़ी पहनना पसंद है? सावधान रहें, इसे कसकर पहनने से आपको त्वचा कैंसर हो सकता है। इस तरह के कैंसर से पीड़ित दो महिलाओं का इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने चेतावनी जारी की है। हालांकि ये बात भी साफ की गई है कि साड़ी पहनने से हर किसी को कैंसर नहीं होता है कुछ गलतियों के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है। 

PunjabKesari
पेटिकोट के कारण कैंसर का खतरा

वर्धा में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और बिहार में मधुबनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि पारंपरिक रूप से साड़ी के नीचे पहने जाने वाले अंडरस्कर्ट (पेटिकोट) की कमर की डोरी को कसकर बांधने से  त्वचा में छाले हो सकते हैं और कुछ मामलों में, त्वचा कैंसर भी हो सकता है। इस घटना को पहले "साड़ी कैंसर" के रूप में वर्णित किया गया था, लेकिन कमर की डोरी का कसा होना ही इसके लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों ने अब  इसे 'पेटिकोट कैंसर' करार दिया।

PunjabKesari

पेटीकोट कसकर बांधने से महिला को हुआ  त्वचा अल्सर 

पहले मामले में, 70 वर्षीय महिला ने अपने दाहिने हिस्से पर एक दर्दनाक त्वचा अल्सर के कारण चिकित्सा सहायता मांगी  जो उसे 18 महीनों से था और जो ठीक नहीं हो रहा था। आस-पास के क्षेत्र की त्वचा ने अपना रंग खो दिया था। उसने अपनी नौवारी साड़ी के नीचे अपना पेटीकोट पहना था जो उसकी कमर के चारों ओर कसकर बंधा हुआ था। जांच में पता चला कि महिला को मार्जोलिन अल्सर था, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (अल्सर करने वाला त्वचा कैंसर) भी कहा जाता है।

 

मार्जोलिन अल्सर है बेहद खतरनाक

 60 के दशक के उत्तरार्ध में एक अन्य महिला ने अपने दाहिने हिस्से पर एक अल्सर के लिए डॉक्टरों से परामर्श किया जो दो साल तक ठीक नहीं हुआ। 40 वर्षों से वह रोजाना एक पारंपरिक 'लुग्डा' साड़ी पहनती आ रही है जिसे अंडरस्कर्ट के बिना कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधा जाता है। बायोप्सी के नमूने से पता चला कि उसे भी मार्जोलिन अल्सर था। जब उसका निदान किया गया तो कैंसर पहले से ही उसके कमर के लिम्फ नोड्स में से एक में फैल चुका था। मार्जोलिन अल्सर दुर्लभ लेकिन आक्रामक है। डॉक्टरों ने बताया कि यह पुराने जलने के घावों, ठीक न होने वाले घावों, पैरों के अल्सर, त्वचा पर होने वाले क्षय रोग के गांठों और टीकाकरण तथा सांप के काटने के निशानों में विकसित होता है।

PunjabKesari

विशेषज्ञों ने दी ढीला पेटीकोट पहनने की सलाह


डॉक्टरों ने कहा कि हालांकि पुराने अल्सर या घावों के घातक बनने का सटीक तंत्र अज्ञात है, लेकिन "हर त्वचा संबंधी घाव जो लगातार उत्तेजित (दीर्घकालिक सूजन वाला) होता है, उसमें घातक परिवर्तन विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।" उन्होंने कहा- "कमर पर लगातार दबाव अक्सर त्वचा के शोष की ओर ले जाता है, जो अंततः क्षरण या अल्सर का रूप ले लेता है।" विशेषज्ञों ने कहा कि यह अल्सर अक्सर "तंग कपड़ों के लगातार दबाव के कारण पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। एक पुराना, ठीक न होने वाला घाव बन जाता है, जिसमें घातक परिवर्तन हो सकता है"। स्वास्थ्य विशेषज्ञ त्वचा पर दबाव कम करने के लिए साड़ी के नीचे एक ढीला पेटीकोट पहनने की सलाह देते हैं और त्वचा संबंधी समस्या होने पर उस क्षेत्र को ठीक होने देने के लिए ढीले कपड़े पहनने की सलाह देते हैं। -

Related News