दुनिया के सबसे अमीर शख्श अमेजन कंपनी के CEO और स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के मालिक जेफ बेजोस अगले महीने 20 जुलाई को अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं। बेजोस अपने भाई अपने भाई मार्क के साथ इस यात्रा पर जा सकते हैं। उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में यह घोषणा की। जेफ बेजोस ने कहा कि उनका अंतरिक्ष में जाने का सपना 5 साल की उम्र से था. खैर, उनकी ये इच्छा पूरी हो सकती है अगर मौसम ने साथ दिया तो, वरना इसमें थोड़ी देरी हो सकती है।
दुनिया के सबसे रईस आदमी हैं जेफ बेजोस-
बतां दें कि जेफ बेजोस सबसे रईस आदमी हैं। उनके पास 187 बिलियन डॉलर्स यानी 13.66 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। वो चाहें तो धरती के किसी भी कोने में जा सकते हैं, लेकिन अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने के लिए शरीर का फिट होना, स्पेस्क्राफ्ट के बारे में पूरी जानकारी होना, उसे उड़ाना, इमरजैंसी लैंडिंग आदि सारी तकनीकी जानकारियां होनी चाहिए। यानि कि जेफ बेजोस पिछले कुछ दिनों से इन चीजों की चुपचाप ट्रेनिंग ले रहे थे। क्योंकि इसकी ट्रेनिंग में काफी ज्यादा समय लगता है।
बेजोस यह अंतरिक्ष यात्रा जान हथेली पर रखकर करने जा रहे हैं-
एक अमेरिकी टीवी के मुताबिक, बेजोस यह अंतरिक्ष यात्रा जान हथेली पर रखकर करने जा रहे हैं। जब भी हम अंतरिक्ष यात्रा के बारे में विचार करते हैं तो सबसे पहले दिमाग आता कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस में तैरते हुए धरती के चक्कर लगाएंगे लेकिन जेफ बेजोस और उनके साथ जाने वाले अन्य यात्री ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। बेजोस और साथी यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में ऊपर जाएंगे और फिर वापस लौट आएंगे। वे करीब 11 मिनट के लिए ही अंतरिक्ष में रहेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। इसे बाहरी अंतरिक्ष की शुरुआत माना जाता है।
ब्लू ओरिजिन कंपनी द्वारा बनाए गए नए रॉकेट में करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा-
जेफ बेजोस अपनी अंतरिक्ष की यात्रा ब्लू ओरिजिन कंपनी द्वारा बनाए गए नए रॉकेट कैप्सूल New Shepherd में करेंगे। यह इतना ताकतवर कैप्सूल है कि यह धरती की कक्षा खुद ही पार कर सकता है। इतनी ताकत अभी तक Elon Musk के ड्रैगन कैप्सूल या वर्जिन गैलेक्टिक के पीयर्स ब्रॉसनन के रॉकेट पावर्ड प्लेन में भी नहीं है जो खुद धरती की कक्षा को पार कर ले।
रॉकेट कैप्सूल न्यू शेफर्ड की खासियत-
जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी Blue Origin के रॉकेट कैप्सूल न्यू शेफर्ड में 6 लोग बैठ सकते हैं। यह 59 फीट ऊंचा रॉकेट है। इसे धरती से अंतरिक्ष में पहुंचने में 11 मिनट का समय लगेगा। यानी जमीन से करीब 96 किलोमीटर ऊपर। जेफ बेजोस ने बताया कि छह साल की कड़ी मेहनत और रिसर्च के बाद यह सफलता हासिल हुई है।
Blue Origin का रॉकेट कैप्सूल न्यू शेफर्ड ऐसे कराएगा अंतरिक्ष की सैर-
बेजोस का न्यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाएगा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहेगा जब तक कि उसका ज्यादातर ईंधन खत्म नहीं हो जाता है। इसके बाद चालक दल का कैप्सूल रॉकेट के सबसे ज्यादा ऊंचाई तक पहुंचने पर रॉकेट से अलग हो जाएगा और कुछ देर तक अंतरिक्ष में घूमता रहेगा।
इस दौरान चालक दल को कुछ मिनट तक weightlessness का अनुभव भी होगा जो इतनी ऊंचाई पर पृथ्वी के गुरुवात्वाकर्षण के खत्म होने के कारण होता है। इसके बाद स्पेस कैप्सूल बेजोस को लेकर धरती की ओर रवाना हो जाएगा। इसके बाद न्यू शेफर्ड रॉकेट अपनी रफ्तार को कम करने के लिए पैराशूट को खोल देगा। उधर, रॉकेट अलग से उड़ान भरता रहेगा और अपने इंजन को फिर से चालू कर देगा। इसके बाद वह अपने कंप्यूटर की मदद से ठीक जगह पर लैंड कर जाएगा।
जानिए, कितनी होगी अंतरिक्ष की यात्रा कराने वाले रॉकेट के एक सीट की टिकट की कीमत-
ब्लू ओरिजिन कंपनी के अनुसार, वो हर सीट का टिकट लगाएगा। लेकिन कंपनी ने अभी तक यह नहीं बताया कि एक सीट की कितनी कीमत होगी। हालांकि, अंदाजा है कि एक सीट के टिकट की कीमत की शुरुआत 2.8 मिलियन डॉलर्स यानी 20.38 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है।
कितना खतरनाक है यह यात्रा-
बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन का न्यू शेफर्ड कैप्सूल पूरी तरह से self drive है और उसे पायलट की जरूरत नहीं है। अब तक कि 15 टेस्ट उड़ान में इस कैप्सूल को लेकर कभी कोई हादसा नहीं हुआ है। यानि कि बेजोस की अंतरिक्ष की उड़ान में खतरा कम है लेकिन खतरे से मुक्त नहीं है। सबऑर्बिटल फ्लाइट की वजह से इस रॉकेट को बहुत ज्यादा स्पीड और धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने के जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इससे खतरा कम होगा।
एक छोटी सी गलती जानलेवा साबित हो सकती है-
दरअसल, अंतरिक्ष यान के धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने पर उसका तापमान 3500 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है। जिस वजह से अंदर बैठे अंतरिक्षयात्रियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है। तेज रफ्तार और अत्यधिक ऊंचाई की वजह से इसमें काफी खतरा होता है। एक छोटी सी गलती भी जानलेवा साबित हो सकती है। बेजोस करीब 3,50,000 फुट की ऊंचाई पर जा रहे हैं। यहां पर जिस कैप्सूल में वह जा रहे हैं, उन्हें स्पेसशूट पहनने की जरूरत नहीं होगी। अगर केबिन में ऑक्सीजन की कमी होती भी है तो वहां ऑक्सीजन मास्क रहेंगे जिससे वह सांस ले सकेंगे।
अगर पैराशूट नहीं खुला तो भी पृथ्वी पर सही सलामत उतर जाएंगे यात्री-
वहीं, बेजोस के न्यू शेफर्ड रॉकेट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर कोई emergency situation आती है तो कैप्सूल बीच रास्ते में ही रॉकेट से अलग हो जाएगा और यात्री उस रॉकेट से दूर हो जाएंगे। यही नहीं कैप्सूल को इस तरह से बनाया गया है कि अगर पैराशूट नहीं खुलता तो भी वह पृथ्वी पर सही सलामत उतर जाएगा।
भारी सुरक्षा के बाद भी बेजोस की अंतरिक्ष यात्रा खतरे से मुक्त नहीं-
विशेषज्ञोंके अनुसार, इतनी सुरक्षा के बाद भी बेजोस की यह अंतरिक्ष यात्रा पूरी तरह से खतरे से मुक्त नहीं है। यह जानलेवा भी हो सकती है। बतां दें कि वर्ष 2014 में वर्जिन गैलेक्टिक की एक उड़ान कई टुकड़ों में बंट गई थी। इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई थी।
अंतरिक्ष की सैर करना जेफ बेजोस का बचपन का सपना है-
अंतरिक्ष की सैर करना जेफ बेजोस का बचपन का सपना रहा है। बेजोस अपने भाई और अन्य यात्रियों के साथ 20 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए रवाना होंगे। बतां दें कि 20 जुलाई को ही अमेरिका के अपोलो-11 मिशन ने चांद की धरती पर पहला कदम रखा था।
धरती को अंतरिक्ष से देखना, आपको बदल देता है- बेजोस
जेफ बेजोस ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के बारे में लिखा कि धरती को अंतरिक्ष से देखना, आपको बदल देता है, इस ग्रह से आपके रिश्ते को बदल देता है। मैं इस उड़ान में सवार होना चाहता हूं क्योंकि यह एक ऐसी चीज है, जिसे मैं हमेशा से ही अपने जीवन में करना चाहता था। यह एक रोमांच है। यह मेरे लिए बेहद अहम है।'