
नारी डेस्क: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक की है। इस सैन्य कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 7 मई (बुधवार) को सुबह 11 बजे एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता खुद सीएम करेंगे।
इससे पहले हुई रिव्यू मीटिंग
कैबिनेट बैठक से पहले, सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक (रिव्यू मीटिंग) की। इस बैठक का मकसद था सीमा पर मौजूदा हालात का आकलन करना और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों में बने हालात और तनाव को देखते हुए यह बैठक बुलाई गई है।
भारत की एयर स्ट्राइक के बाद सीमा पर माहौल गंभीर है। ऐसे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस बात की निगरानी कर रहे हैं कि राज्य के नागरिक सुरक्षित रहें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार रहे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दी जानकारी
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर यह जानकारी साझा की गई,"सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) क्षेत्रों में स्थिति का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें, बुनियादी ढांचे को मजबूत करें, और किसी भी नई चुनौती से निपटने के लिए तेज़ और समन्वित प्रतिक्रिया तैयार रखें।"

कैबिनेट बैठक में क्या होगा तय?
11 बजे होने वाली कैबिनेट बैठक में यह चर्चा होनी है कि जम्मू-कश्मीर की जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए? सीमा पर तनाव के बीच किस तरह की तैयारियां की जाएं? अगर हालात और बिगड़ते हैं तो त्वरित प्रतिक्रिया के लिए क्या कदम उठाए जाएं? फिलहाल यह साफ नहीं है कि बैठक में क्या फैसले लिए जाएंगे। कैबिनेट बैठक के बाद ही यह पता चलेगा कि सरकार ने आगे की रणनीति क्या बनाई है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार कोई भी चूक नहीं करना चाहती। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद मोर्चा संभाले हुए हैं और राज्य के हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं। इससे साफ है कि सरकार सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर और तैयार है।