फ्रिज की जगह मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके पानी को अमृत के बराबर समझा जा सकता है। घड़े के पानी का सेवन करने से ठंडक मिलने के साथ इम्यूनिटी स्ट्रांग होने में मदद मिलती है। ऐसे में बीमारियों के लगने के चांसिस कम रहते हैं। तो चलिए जानते हैं मटके का पानी पीने से स्वस्थ संबंधी मिलने वाले अनगिनत फायदों के बारे में...
अमृत के समान है घड़े का पानी
मिट्टी के घड़े में स्टोर किया पानी स्वाद के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। भारत में आज भी कई लोग मिट्टी से तैयार बर्तनों का पानी पीना पसंद करते हैं। असल में, मिट्टी के मटके से पानी पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक यह मिट्टी हमारी सेहत को बरकरार रखने में फायदेमंद होती है। कई औषधीय गुणों से भरपूर होने से घड़े का पानी अमृत के समान है।
बेहतर मेटाबॉलिज्म
प्लास्टिक की बोतलों में भर कर रखें पानी में भारी मात्रा में अशुद्धियां जमा होती हैं। ऐसे में यह पानी सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इससे बचने के लिए रोजाना घड़े का पानी पीना फायदेमंद होता है। घड़े में रखा पानी कई दिनों तक स्टोर कर भी पीया जा सकता है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं।
पानी में पीएच का संतुलन
मिट्टी से तैयार घड़े से पानी पीने काफी फायदेमंद होता है। मिट्टी में क्षारीय गुण मौजूद होते हैं। इसतरह यह पानी की अम्लता के संपर्क में आकर सही पीएम बैलेंस बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही पेट से जुड़ी समस्याएं से राहत मिलती है।
गले को ठीक रखे
गर्मियों के दिनों में ज्यादा ठंडा पानी पीना चाहें अच्छा लगता है। मगर इसके सेवन से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक से नीचे को गिर जाता है। इसके कारण गला खराब, सूजन की शिकायत होने के साथ शरीर के बाकी अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में फ्रिज की जगह मटके का पानी पीना चाहिए। यह शरीर को किसी भी तरह की हानि न पहुंचाता है। इसके साथ ही सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
गर्भवती महिलाओं को इस टाइम पीरियड में फ्रिज के पानी की जगह मटके का पानी पीना चाहिए। उन्हें खासतौर पर घड़े और सुराही के पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसके पानी का सेवन करने से बच्चे और मां दोनों की सेहत बरकरार रहती हैं।
वात को नियंत्रित करें
गर्मियों में लोग फ्रिज का बहुत ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। मगर इसकी तासीर गर्म होने से वात बढ़ाता है। इसके साथ ही ज्यादा ठंडा और बर्फ वाला पानी पीने से कब्ज और गला खराब होने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मटके का पानी ज्यादा ठंडा न होने से सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ता। इसके अलावा इसे गेरू रंग से रंगा जाता है जो भारी गर्मी में ठंडक और शीतलता पहुंचाता है।
दूषित तत्वों को सोखने की क्षमता
मिट्टी से विषैले तत्त्वों को सोखकर पानी को साफ और पीने लायक बनाती है। इसके साथ ही इससे पानी को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। इसके अलावा मिट्टी के मटके में भरा पानी बिलकुल सही टेंपरेचर में रहता है। यह पीने में न ज्यादा ठंडा होता है और न ही ज्यादा गर्म।
कैसे रहता है पानी ठंडा?
मिट्टी के मटके में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो साफ तौर पर दिखाई नहीं देते हैं। इसमें वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा पानी तेजी से ठंडा होता है। इन्हीं छिद्रों की मदद से मटके का पानी बाहर निकलता है। तेज गर्मी के चलते पानी वाष्प के रूप में हवा में उड़ जाता है। यह वाष्प बनने के लिए इसे गर्मी मटके के पानी से मिलती है। ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया के दौरान तापमान कम हो जाता है जिससे पानी लंबे समय तक ठंडा रहता है।