नारी डेस्क: सनातन संस्कृति में गाय को विशेष महत्व दिया गया है, और इसे पूजनीय माना गया है। हिन्दू धर्म में गाय की पूजा का विशेष महत्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में धनतेरस से पहले और दिवाली के बाद के दिनों में देखा जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गोवर्धन पूजा से पहले गऊ पूजा किस दिन करनी चाहिए और इसके क्या लाभ हैं।
गाय का महत्व
ऋग्वेद और उपनिषदों में गाय के महत्व को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। गाय को 'गो माता' कहा जाता है और यह माता के समान पूजनीय है। हिन्दू धर्म में गाय के दूध, दही और घी को अमृत तुल्य माना जाता है, और धार्मिक अनुष्ठानों में इनका उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही, गाय को देवी लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है, और समुद्र मंथन के समय कामधेनु गाय का प्रकट होना, जो सभी इच्छाओं को पूरा करती है, इस बात का प्रमाण है।
गोवत्स द्वादशी पर गऊ पूजन
गोवत्स द्वादशी, जो कि गाय और बछड़े की पूजा के लिए समर्पित है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन धनतेरस से एक दिन पूर्व मनाया जाता है और इस बार यह 28 अक्टूबर, 2024 को पड़ रहा है। इस दिन गायों और बछड़ों की पूजा करने से व्यक्ति को धार्मिक पुण्य, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
गोवत्स द्वादशी के लाभ
1. पापों का नाश इस दिन गाय और बछड़े की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है।
2. सुख-समृद्धि पूजा करने से व्यक्ति को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
3. धन वृद्धि इस दिन की पूजा से धन में वृद्धि होती है।
4. स्वास्थ्य लाभ यह मान्यता है कि इस दिन गाय और बछड़े की पूजा करने से व्यक्ति हृष्ट-पुष्ट और निरोग रहता है।
5. रुके काम पूरे पूजा करने से रुके हुए और अटके कामों की बाधाएं दूर होती हैं।
पूजा विधि
गोवत्स द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद गाय और बछड़े को स्नान कराकर उन्हें फूल, अक्षत, और रोली से सजाया जाता है। गाय और बछड़े को रोटी और फल का भोग लगाया जाता है। पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ध्यान रहे कि इस दिन गोवत्स द्वादशी मनाने वाले लोग गेहूं और दूध से बने किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करते हैं।
गौ पूजा एक दिव्य अनुष्ठान है जो न केवल व्यक्तिगत समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि समाज में गाय के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी बढ़ावा देता है। गोवत्स द्वादशी पर गाय और बछड़े की पूजा करके आप भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और धन-संपत्ति से भरपूर जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।