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इन 5 महिलाओं ने सारी बेड़ियों को तोड़ किया अपने सपने को पूरा, जानिए इनके संघर्ष की कहानी

  • Edited By palak,
  • Updated: 06 Dec, 2022 06:12 PM
इन 5 महिलाओं ने सारी बेड़ियों को तोड़ किया अपने सपने को पूरा, जानिए इनके संघर्ष की कहानी

देश में महिलाओं की स्थिति आज भले ही पहले से अच्छी हो चुकी हो। लेकिन 1947 के दशक में महिलाओं को पुरुषों से जैसे समान अधिकार नहीं प्राप्त थे। अपने सपने पूरे करने की भी महिलाओं को इजाजत नहीं थी। परंतु उस दौरान ऐसी 5 महिलाएं जिन्होंने अपने कार्यों से सबको हैरान कर दिया और इतिहास पर अपने नाम को दर्ज किया। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसी ही 5 चेंजमेकर महिलाओं के बारे में...

प्रेमा माथुर  

21वीं सदी में वैश्विक स्तर पर ऐसी कई महिलाएं है जिन्होंने पायलट बनकर भारत का नाम रोशन किया है। परंतु आजादी के कुछ सालों बाद पहली कैप्टन थी प्रेमा माथुर। प्रेमा माथुर ने आजादी के कुछ सालों बाद ही पहली कमर्शियल महिला पायलट के रुप में काम किया था। उन्होंने डैक्कन एयरवेज के लिए उड़ान भरी थी। 1947 में उन्हें पायलट का लाइसेंस मिला और 1949 में उन्होंने नेशनल एयर रेस जीत पर अपना नाम दर्ज किया। 

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किरण बेदी 

किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी थी। 1979 में भारतीय पुलिस सेवा को उन्होंने ज्वाइन किया था। 2007 में उन्होंने अपनी इच्छा से सेवानिवृत होने के फैसला ले लिया था। राजनीति विज्ञान की व्याख्याता के रुप में भी उन्होंने अपने करियर को चुना था। 

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एम फातिमा बीवी 

भारत की पहली महिला सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश एम फातिमा बीवी भी भारत की महिलाओं को लिए एक अच्छा उदाहरण हैं। 1989 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश के रुप में कमान संभाली थी। केरल की निचली न्यायापालिका ने एम फातिमा ने अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद 1972 में वह न्यायिक मेजिस्ट्रेट बन गई। 1984 में वह उच्च न्यायालय की स्थायी न्यायाधीश बनी और पांच साल के बाद 6 अक्टूबर को न्यायाधीश के रुप में सुप्रीम कोर्ट में एम फातिमा को नियुक्त किया गया था। इसके बाद 29 अप्रैल 1992 में वह सेवानिवृत हो गई।

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पुनीता अरोड़ा 

भारत के सर्वोच्च सशस्त्र बल की लेफ्टिनेंट जनरल और बाद में भारतीय नौसेना की वाइस एडमिरल नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला कोई ओर नहीं बल्कि पुनीता अरोड़ा थी। 1963 में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणें में उनकी नियुक्ति हुई। लगभग 36 साल तक उन्होंने भारतीय सशस्त्र बल में गुजारा। इस दौरान पुनीता अरोड़ा को 15 पदकों के साथ सम्मानित किया गया था। 

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किरण मजूमदार शॉ

एक बिलियन नेटवर्थ कमाने वाली बिजनेस वुमेन कोई और नहीं बल्कि किरण मजूमदार शॉ थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बलारेट कॉलेज आफ एडवांसड एजुकेशन से मेलटिंग और ब्रूइंग का अध्ययन किया था। पूरे कोर्स में ऐसा करने वाली वह पहली महिला था। इस बिजनेस को शुरु करते समय किरण को कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। आज देश के सबसे बड़े बिजनेस कर्मियों में उनका नाम भी शामिल है।

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