ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन शनिदेव जयंती का शुभ पर्व पड़ रहा है। इस साल यह तिथि 10 जून दिन गुरूवार को होगी। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन न्याय के देवता शनिदेव का जन्म हुआ था। माना जाता है कि इस दिन शनिदेव का व्रत, पूजा व कुछ उपाय करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। खासतौर पर जिन लोगों की कुंडली में शनिदोष हो उन्हें इससे छुटकारा मिलता है। मगर शनि जयंती के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। वहीं शास्त्रों के अनुसार, कुछ कार्यों को कभी भी नहीं करना चाहिए। नहीं तो शनिदेव की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं इन कार्यों के बारे में...
शनिदेव की पूजा दौरान रखें इस बात का ध्यान
शनिदेव की पूजा के दौरान उनकी आंखों में देखने की गलती ना करें। इससे शनि महाराज की वक्री दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए उनकी पूजा के समय अपनी नजर को उनके पैरों की ओर रखें। इससे आपको उनका आशीर्वाद मिलेगा।
इनको परेशान ना करें
जैसे की सभी जानते हैं कि शनिदेव न्याय के देवता है। वे गरीब, बेसहारा व कमजोरक लोगों का प्रतिनिध्त्व करते हैं। ऐसे में जीवन में कभी भी इस लोगों को दुखी करने की गलती ना करें। इसकी जगह पर अपने सामर्थ्य के हिसाब से इन्हें दान करें। इससे शनिदोष से छुटकारा मिलेगा और जीवन में खुशहाली आएगी।
ऐसा करने से बचें
वैसे तो कभी भी किसी के प्रति मन में हीन भावना नहीं रखनी चाहिए। वहीं न्याय के देवता शनि देव के खास दिन पर किसी के साथ छल कपट और गलत काम करने से बचें। इसके अलावा मांस-मदिरा का सेवन करने की भी गलती ना करें। इन चीजों का ध्यान रखने से कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होने से साथ शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन अन्न व धन से भरा रहता है।
इन चीजों को न खरीदें
शनि जयंती के दिन गलती से भी सरसों तेल, लकड़ी, उड़द दाल, कांच और लोहा खरीदें। इन चीजों को इस दिन घर लाना अशुभ माना जाता है। इससे अशुभ असर हो सकता है। इसके अलावा जो आर्थिक समस्याओं से परेशान है उन्हें शनिदेव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
इन कामों को ना करें
शनि जयंती के दिन तुलसी, पीपल व बेलपत्र को तोड़ना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा बाल और नाखून काटने से भी बचना चाहिए। नहीं तो जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए करें यह काम
इस दिन सूर्यग्रहण भी लगेगा। इसलिए सूर्यग्रहण के बाद शनिमंदिर जाकर शनिदेव का सरसों तेल से अभिषेक करें। शनि चालीसा व हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। शनिदेव से संबंधित चीजों का दान करें। इससे शनिदेव की आप पर कृपा होगी। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में शनिदोष है उन्हें इससे छुटकारा मिलेगा।