शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। शनि को ज्योतिष में पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्य वालों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो शनिवार के दिन सभी लोगों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, लेकिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए....
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा करना अशुभ रहता है। इस दिन शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए और सरसों के तेल का दान करना चाहिए।
काला तिल न खरीदें
धार्मिक मान्याताओं के अनुसार शनिवार के दिन काला तिल का दान करना चाहिए। काले तिल का दान करना शुभ रहता है। लेकिन इस दिन काला तिल नहीं खरीदना चाहिए।
लोहा न खरीदें
धार्मिक मान्याओं के अनुसार शनिवार के दिन लोह या लोहे से बनी चीज नहीं खरीदनी चाहिए। इस दिन लोहे से बनी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें
व्यक्ति को कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। जो लोग दूसरों का अपमान करते हैं शनिदेव उनसे नाराज हो जाते हैं। हमेशा सबके साथ प्रेम से रहना चाहिए।
मांस- मदिरा का सेवन न करें
शनिवार के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने वाले लोगों पर शनि का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
नोट- ऊपर दी गई जानकारियों का हम कोई पक्का दावा नहीं कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के संबंधित क्षेत्र के एक्सपर्ट से सलाह लें।