थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। गले में मौजूद थायराइड ग्रंथि खाने को शरीर के लिए एनर्जी में बदलती है, अगर यह सही तरीके से काम न करें तो कई तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती है जैसे थकावट, वजन कम होना या ना बढ़ना, स्किन का रफ होना, बाल झड़ना, कब्ज, डायरिया आदि। इन प्रॉब्लम्स से राहत के लिए कुछ हर्ब्स काफी फायदेमंद होते है। ये हर्ब्स थायराइड ग्रंथि में हार्मोंस के लेवल को बढ़ा देते हैं। इससे थायराइड की समस्या काफी कम की जा सकती है। तो आइए जानते हैं इन हर्ब्स के बारे में-
मुलेठी
मुलेठी थायराइड और दूसरी ग्रन्थि में संतुलन स्थापित करके इससे ग्रसित व्यक्ति की थकावट को कम करके एनर्जी के लेवल को बढ़ाता है। मुलेठी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक 'ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड' अत्यधिक आक्रामक होता है जो थायराइड कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
अश्वगंधा
अश्वगंधा में मौजूद 'एंटीऑक्सीडेंट गुण' थायराइड ग्रन्थि को प्रभावित करता है जिससे सही मात्रा में हार्मोन का उत्पादन होता है। इसके साथ ही ये एंटी इंफ्लेमेट्री गुण स्ट्रैस कम करने के साथ इम्यून सिस्टम में सुधार लाने में मदद करते हैं।
अदरक
उल्टी, जी मिचलने की समस्या को दूर करने के लिए अदरक एक फायदेमंद हर्ब है। इसमें मौजूद जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम थायराइड के लिए जरूरी होते हैं। इसमें मौजूद खनिज शरीर से सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
इचिन्सिया
इचिन्सिया एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी है। इसका इस्तेमाल इम्युन सिस्टम में सुधार करने के लिए किया जाता है। इचिन्सिया में मौजूद तत्व 'हाइपोथायरायडिज्म' से पीड़ित लोगों को इससे निजात दिलाते हैं यानि कि इचिन्सिया का सेवन थायराइड को दूर रखता है।
ब्लैडररैक
यह एक प्रकार का हर्ब है जिसका प्रयोग 'हाइपोथायराडिज्म' समेत कई बीमारियों में होता है। इस समुद्री शैवाल में नेचुरल आयोडीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने के लिए जाना जाता है।
बाकोपा
अगर आप थायराइड की समस्या से ग्रस्त हैं तो आप बाकोपा नामक जड़ी बूटी की मदद ले सकते हैं। बाकोपा एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जो थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने के काम करती है।
काले अखरोट
काले अखरोट को आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है और आयोडीन एक जरूरी पोषक तत्व है जो थायराइड ग्रंथि के स्वास्थ्य और कामकाज को ठीक रखने में अहम भूमिका निभाता है।
लेमन बाम
यह हर्ब पुदीने की तरह ही होता है। यह थायराइड में बहुत फायदेमंद होता है। लेमन बाम अतिरिक्त थायराइड को नोर्मल करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम करता है और लक्षणों को कम करता है जो अक्सर 'हाइपरथायरायडिज्म' से जुड़े होते हैं।
अलसी का बीज
अलसी के बीज में प्रचूर मात्रा में फैटी एसिड, ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो थायराइड की समस्या में फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज का सेवन करने से थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन में सुधार होता है।
गेहूं का ज्वारा
गेंहू के ज्वारे में कई औषधीय और रोग निवारक गुण पाए जाते हैं। गेंहू का ज्वारा खून की कमी, हाई ब्लड प्रेशर, सर्दी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, पेट की बीमारियां और थायराइड ग्रंथि के रोगों को दूर करने में काम आता है।