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Kartik Purnima पर चंद्र देव के उपाय, चंद्र्मा को अर्घ्य देते जरूर बोले उनके प्रिय मंत्र

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 14 Nov, 2024 02:39 PM
Kartik Purnima पर चंद्र देव के उपाय, चंद्र्मा को अर्घ्य देते जरूर बोले उनके प्रिय मंत्र

नारी डेस्कः हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima) का विशेष महत्व रहा है और इनमें कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का पावन दिन सबसे खास रहता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष तौर पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है। इसी के साथ चंद्र देव की भी पूजा की जाती है क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 64 कलायों के साथ आकाश में विराजित होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है। यही कारण है कि इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देना भी बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से मन को शांति, धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र देव (Chandra Dev) को मन का कारक माना गया है। कुंडली में चंद्रमा मज़बूत होने से जातक हमेशा प्रसन्न रहता है और उसे सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। वहीं, कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर मानसिक तनाव, वहम, घबराहट बैचेनी की समस्या होती है।

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पूर्णिमा पर संतान प्राप्ति के उपाय |  Santan Prapti ke upay

संतान प्राप्ति के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप लड्डू गोपाल की पूजा जरूर करें। इस दिन उनको स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं। साथ ही उन्हें खीर का भोग लगाएं और उनसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मांगे। मनोकामना करते हुए संतान गोपाल मंत्र का 11000 बार जाप करें।

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

स्नान-दान शुभ मुहूर्त -प्रातः 04:58 मिनट से प्रातः 5:51 मिनट तक
सत्यनारायण पूजा - प्रातः 06:44 मिनट से प्रातः 10:45 मिनट तक

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चंद्रमा को अर्घ्य देना का सही तरीका | Chandrama ko Arghya Kaise De | Purnima Par Chandra Puja Kaise kare

आप चांदी, तांबे या स्टील के लौटे से चंंद्रमा को जल या गंगाजल अर्पित करना चाहिए, जल में आप थोड़ा सा दूध भी मिला सकते हैं। पीतल के लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य नहीं दिया जाता है। लोटे पर आप स्वास्तिक का चिन्ह बनाए और कलावा भी बांधे। इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय अर्घ्य दें। अर्घ्य देने से पहले एक परात जमीन पर रख लें ताकि अर्घ्य में चढ़ाया जाने वाला जल पैरों में ना आए इसलिए अर्घ्य से पहले जमीन पर परात रखकर ही चंद्रमा को जल चढ़ाएं। जल अर्पित करते समय पर आप चंद्र देव के मंत्रों का जाप करें। चंद्र देव के आगे घी का दीपक जलाए। परात में गिरे जल को पीपल या बरगद के पेड़ की जड़ में डाल दें या घर में कोई पौधा रखा है तो वहां डाल दें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रौशनी में खीर रखना न भूलें।

चंद्र देव की पूजा करने की विधि और मंत्र | Chandra puja vidhi

स्नान और शुद्धि: प्रातः काल गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना उत्तम माना जाता है। यदि यह संभव न हो तो घर पर स्नान करते समय पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

चंद्र देव की स्थापना: घर के पूजा स्थान पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उस पर चंद्र देव की तस्वीर या प्रतीक रखें।

दीप और आरती: चंद्र देव के सामने एक दीपक जलाएं और धूप, फूल, अक्षत (चावल), सफेद फूल, और मिश्री (चीनी) अर्पित करें।

ध्यान और मंत्र जाप: पूजा में चंद्र देव का ध्यान करते हुए मंत्र का जाप करें।

अर्घ्य (जल अर्पित करना): रात्रि के समय चंद्रमा को दूध मिले हुए जल से अर्घ्य दें। अर्घ्य देना कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष फलदायी माना जाता है।

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चंद्र देव के प्रिय मंत्र | Chandra Dev Ke Mantra

चंद्र देव को अर्घ्य देते समय आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
ॐ सोमाय नमः
ॐ चंद्राय नमः
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः
ॐ श्रीं श्रीं चंद्रमसे नमः
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नमः
मन की शांति के लिए चंद्र मंत्र - ॐ चन्द्राय नमः का जाप करें।

चंद्र देव का मूल मंत्र

ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः चन्द्रमसे नमः इस मंत्र का जाप 108 बार करें।

चंद्र गायत्री मंत्र

ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः। यह भी 108 बार जाप करने से मन को शांति और मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

चंद्र देव का ध्यान मंत्र

दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम्।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम्॥

इन मंत्रों का जाप करते हुए मन में चंद्र देव से शांति, सुख और स्वास्थ्य की कामना करें।

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इन बातों का भी रखें ख्याल 

चंद्र देव की पूजा में सफेद वस्त्र, सफेद फूल और सफेद मिठाई का उपयोग करना शुभ माना जाता है।

रात्रि को चंद्रमा की रोशनी में बैठकर ध्यान करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

इस प्रकार से चंद्र देव की पूजा और मंत्र जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मन में शांति और संतुलन बना रहता है।

चांदी के पात्र में गंगा जल, दूध, चावल, बताशा, या चीनी डालकर सूर्यास्त के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। 

पूर्णिमा के दिन बाल धोए या कटवाए ना। यह बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है।

चंद्रदेव को प्रसन्न कैसे करें | चंद्रमा मजबूत करने के उपाय | Chandrama Majboot Karne ke Upay

पूर्णिमा के दिन दूध, चावल, सफ़ेद कपड़े, मोती और चीनी का दान करें। इससे भी च्रंददेव प्रसन्न होंगे और जीवन में सकारात्मकता का वास होगा।
माता के पैर छुए उनसे आशीर्वाद लें।
सोमवार का व्रत रखें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और सफेद मोती धारण करें। 
ऊं सोम सोमाय नमः का 108 बार जाप करें। 
 

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