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एक सोच ऐसी भी... बुजुर्ग दंपत्ति की मदद के लिए आगे आई यह महिला

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 23 Mar, 2020 08:37 PM
एक सोच ऐसी भी... बुजुर्ग दंपत्ति की मदद के लिए आगे आई यह महिला

कोरोना वायरस के कारण लोगों के मन में एक डरर बैठ गया है। इसी के चलते लोग एक-दूसरे की मदद के लिए भी आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में बुजुर्ग दंपत्ति की मदद करने वाली ओरेगन प्रांत की 25 साल की रिबेको मेहरा लोगों के लिए मिसाल है।

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दरअसल, प्रोफेशनल रनर रिबेका एक ग्रॉसरी स्टोर गई, जहां पहुंचने पर उन्हें एक महिला की आवाज सुनाई दी जो मदद के लिए पुकार रही थी। इसके बाद रिबेका ने उस बूढ़े दंपत्ति की ग्रासरी शॉपिंग में मदद की। घर जाकर रिबेका ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ट्वीट कर लोगों से अपील की, इस महामारी के समय जितना हो सके, लोगों की मदद करने से पीछे न हटें।

फिर क्या था उनका ट्वीट देखते ही देखते वायरल हो गया। कुछ वक्त बाद उसे 50 हजार लोगों ने लाइक किया और 10 हजार लोगों ने रि-ट्वीट किया। अगले दिन 31 हजार लोगों ने रिट्वीट किया और 1 लाख से ज्यादा लोगों ने उनके ट्वीट को लाइक किया।

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45 मिनट से मदद के इंतजार में कार में बैठा था दंपति

रिबेका ने ट्वीट किया, आवाज सुनते ही मैं उस महिला व उसके पति के पास गई। मेरे वहां जाते ही उन्होंने कार का शीशा नीचे किया और कहा कि वे स्टोर जाने से डर रहे हैं। कोई उनका सामान लाने में उनकी मदद करे। दोनों की उम्र 80 साल से ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि जब से हमने सुना है कि कोरोना वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों पर हो रहा है, तब से वे डरे हुए हैं। उनकी कोई औलाद भी नहीं है जो ऐसे वक्त में उनकी मदद करे। ऐसे में वे पिछले 45 मिनट से स्टोर के बाहर मदद के लिए इंतजार कर रहें हैं।

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उन्होंने मुझसे मदद करने के लिए कहा

बुजुर्ग दंपत्ति ने रेबिका को 100 डॉलर देकर रकुथ सामान की लिस्ट दी, जिसके बाद वो उनके लिए सामान ले आईं। स्टोर में लोग टॉयलेट पेपर तक के लिए लड़ रहे थे। ऐसे में शॉपिंग करना काफी मुश्किल हो गया था। क्लीनिंग सेक्शन में भी कोई सामान नहीं बचा था, सिर्फ 2 ही साबुन बचे थे, जो किसी ओर ने लिए थे। मगर, मेरे रिक्वेस्ट पर उन्होंने एक साबुन मुझे दे दिया।

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स्टोर में लोग डरे और सहमे हुए थे लेकिन इसमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो एक-दूसरे की मदद कर रहे थे। मैंने उस दंपति का सामान खरीदा और गाड़ी में रखकर बैलेंस लौटाकर वापस आ गई। मगर, जल्दबाजी मैं उनका नंबर लेना भूल गई। मैं जानती हूं कि डर के ऐसे माहौल में हम सभी पहले अपने बारे में ही सोचते हैं लेकिन हमारे आस-पास के कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें मदद की काफी जरूरत है। हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए।

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