ब्रेस्ट कैंसर तेजी से फैलने वाला वो कैंसर है जिसकी ज्यादातर शिकार औरतें बनती हैं और रिपोर्ट्स की मानें तो इस कैंसर से पीड़ित महिलाओं की गिनती लगातार बढ़ती भी जा रही है। इस बीमारी का जानलेवा बनने का मुख्य कारण अवियरनेस की कमी है। महिलाओं को इस बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते इसके लक्षणों को नोटिस किया जा सकें लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम इनसे जुड़े मिथ्स पर आंख बंद करके विश्वास कर लें। यह मिथ्स लोगों के दिमाग में इस कद्र घुसे हैं कि आज भी इनको सच माना जाता है खासकर औरतें इन पर विश्वास करती हैं।
मिथ : स्तनों में गांठ का मतलब स्तन कैंसर
स्तन में गांठ का नाम सुनते ही मन में पहली आशंका ब्रेस्ट कैंसर की आती है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं। ब्रिटिश शोध के मुताबिक, स्तन में गांठ पड़ने के केवल 10 फीसदी मामलों में ही ब्रेस्ट कैंसर की आशंका रहती है, ज्यादा मामले में स्तन में फैट और सिस्ट के होते हैं।
मिथ : अंडरवायर ब्रा से स्तन कैंसर का खतरा
महिलाओं को लगता हैं कि अंडरवायर ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि ऐसी अंडरगारमेंट्स लिंफेटिक फ्लों को रोकती हैं लेकिन इस तरह की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। अंडरवायर ब्रा पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मिथ : डियोड्रेंट लगाने से स्तन कैंसर
डियोड्रेंट से स्तन कैंसर, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की मानें तो इसका कोई प्रमाण नहीं है। वहीं, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन के मुताबिक, स्तन कैंसर और एंटीपरस्परिएंट्स ( यह पसीने को रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है)के बीच कोई संबंध नहीं है जो महिलाएं इसका प्रयोग करती हैं उनमें स्तन कैंसर के लक्षण नहीं देखे गए।
मिथ : स्तन कैंसर फैलने वाली बीमारी है
स्तन कैंसर संक्रामक रोग नहीं है। यह एक इंसान से दूसरे को नहीं होता है। यह समस्या तब होती है जब स्तनों में कैंसर की कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने लगती है। इसके खतरे को कम करने के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए।
मिथ : बड़े स्तनों का मतलब स्तन कैंसर का खतरा अधिक
अगर इस बात में जरा भी सच्चाई होती तो पुरुषों में स्तन कैंसर की समस्या कभी नहीं होती। इस बीमारी का स्तनों के आकार से कोई लेना-देना नहीं है।
मिथ : परिवार में स्तन कैंसर नहीं, मतलब 'मैं सुरक्षित हूं'
अगर आपके घर में किसी को भी स्तन कैंसर नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आप इससे बची रहेंगी। ब्रेस्ट कैंसर की लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं वो हैं जिसका इस बीमारी का पारिवारिक इतिहास नहीं है। यह बीमारी आपके खराब लाइफस्टाइल से जुड़ी है।
मिथ: परिवार में बीमारी हैं तो आपको भी होगी
लोगों को लगता है कि एक बार यह परिवार में किसी महिला को हैं तो आगे की पीढ़ी को इसका खतरा होता ही होता है लेकिन यह जरूरी नहीं। अगर आपका लाइफस्टाइल अच्छा हैं तो इसका खतरा कम होगा। आंकड़ों की मानें तो सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें यह बीमारी जेनेटिक मिलती हैं।
मिथ: मैमोग्राम से होगा स्तन कैंसर
बहुत से लोगों को लगता है कि स्तन कैंसर की जांच करने वाले मैमोग्राम से भी यह कैंसर फैलता है जो कि पूरी तरह से गलत है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक, मैमोग्राफी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले रेडिएशन की मात्रा बहुत कम होती है। इससे स्तन कैंसर का खतरा ना के बराबर होता है।
मिथ : स्तन कैंसर का इलाज संभव है?
अगर आप सोचती है कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है तो आप गलत हैं। अगर इस बीमारी का पता फर्स्ट स्टेच पर चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता लेकिन अगर यह बीमारी दूसरी व तीसरी स्टेज पर पहुंच जाए तो इलाज असंभंव हो जाता है।
मिथ : पुरुषों को स्तन कैंसर नहीं होता
बहुत से लोगों को लगता है कि यह बीमारी सिर्फ महिलाओं को होती हैं जबकि ऐसा नहीं। पुरुष भी स्तन कैंसर का शिकार होते हैं और यह मामले बढ़ भी रहे हैं हालांकि पुरुषों में ब्रेस्ट ट्यूमर का पता लगाना ज्यादा आसान है।
ब्रेस्ट कैंसर से कैसे रख सकते हैं आप बचाव
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए सबसे पहले हैल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। अपने वजन को कंट्रोल में रखें। हैल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज जरूर करें। गंदी आदतें जैसे सिगरेट, शराब से दूरी बनाएं। इन नियमों का पालन कर आप खतरे से बच सकती हैं।