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ताउम्र सफेद साड़ी में रहीं Krishna Raj Kapoor, वजह थे खुद राज कपूर

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 12 Apr, 2022 12:34 PM
ताउम्र सफेद साड़ी में रहीं Krishna Raj Kapoor, वजह थे खुद राज कपूर

बॉलीवुड इंडस्ट्री में कपूर खानदान का एक अलग ही रूतबा है। कपूर फैमिली के हर मेंबर की अपनी पर्सनैलिटी और अपना नाम है फिर वो राज कपूर हो या उनकी पत्नी कृष्णा कपूर। वैसे अक्सर राज कपूर की लाइफ से जुड़े किस्से ही सुनने को मिलते हैं और कृष्णा कपूर की लाइफ से जुड़े कम ही लेकिन कहते हैं कि एक पुरुष की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है। कृष्णा जी का भी राज कपूर को वैसा ही साथ रहा। शादी के बाद राज कपूर के साथ कृष्णा जी चेंबूर में एक किराए के घर में रहते थे। घर को आर्थिक सहारा देने के लिए वह भी साड़ियों पर एम्ब्रायडरी करने का काम करती थी। कहा जाता है कि राज कपूर अपनी फिल्म बरसात बना सकें इसलिए कृष्णा जी ने अपने गहने बेच दिए थे वो बात अलग है कि ये बातें लोगों को कम ही पता रहीं हालांकि राज कूपर अपने अफेयर लिए सुर्खियों में छाए रहे लेकिन बावजूद इसके कृष्णा ने कभी उन्हें छोड़ने का नहीं सोचा।

 

इस बारे में उनकी बेटी रीमा ने फिल्मफेयर मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में अपने मां-पिता के बारे में बताया था – “चाहे कुछ भी लिखा और बोला गया हो पापा, मॉम को बहुत ज्यादा प्यार करते थे। सच्चाई तो ये है कि वो पूरी जिदंगी मॉम के दीवाने रहे। उन्होंने भले ही इसे वैसे अभिव्यक्त नहीं किया जैसे मॉम ने चाहा हो लेकिन राज कपूर ने जो भी किया वो लौटकर घर आए। उनका प्यार मॉम के लिए बेइंतहा था वो उनके पैर भी दबाते थे और हंसाते हुए कहते थे – ‘राज कपूर का क्या हाल बना दिया! मेरी बीवी मुझे पैर दबाने में लगा रही है। घर की मुर्गी दाल बराबर!’

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करण जौहर ने उन्हें मुंबई फिल्म उद्योग की फर्स्ट लेडी कहा था और राज कपूर की पत्नी होना ही उनकी सबसे पहली पहचान थी तो चलिए आज के पैकेज में हम आपको कृष्णा कपूर के बारे में ही बताते हैं कि इतने बड़े परिवार को संभालने वाली खुद कैसे इस खानदान की बहू बनी।

 

कृष्णा कपूर जो कि शादी से पहले कृष्णा मल्होत्रा थी और उनका जन्म 30 दिसंबर 1930 को मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ था। कृष्णा के पिता करतारनाथ मल्होत्रा रीवा में आई. जी. थे। वैसे उनका परिवार पेशावर में करीमपुरा घंटा घर के पास रहा था और फिर वहां से वह रीवा गए थे क्योंकि उनके पिता करतारनाथ की पोस्टिंग रीवा में हुई थी। साल 1944-46 तक कृष्णा जी रीवा में ही रहीं और वहीं के स्कूल से उन्होंने 10वीं की पढ़ाई की।  

 

उनके पिता ने 3 शादियां की थी जिसमें उन्हें 13 बच्चे हुए थे। कृष्णा के कुल 13 भाई-बहन थे। कृष्णा, दूसरी पत्नी से हुई थी। दूसरी पत्नी से उन्हें तीन बच्चे हुए थे प्रेमनाथ जो कि हिंदी फिल्मों के फेमस विलेन बने, राजेंद्रनाथ जो कि फेमस कॉमेडियन और तीसरी कृष्णा थी। उनके दोनों भाई, बाद में राज कपूर के प्रोडक्शन की कई फिल्मों में साथ नजर आए।

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कृष्णा ने अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी ही कि थी कि उनकी शादी कर दी गई जब वह सिर्फ 16 साल की थी। उनके पति यानि राज कपूर जी उनसे उम्र में 6 साल बड़े थे। दोनों की शादी 12 मई 1946 को रीवा में उनके पिता के ही सरकारी बंगले में हुई। करतारनाथ और तीसरी पत्नी से बेटी उमा थी जो रिश्ते में कृष्णा जी की छोटी बहन लगती थी उनकी शादी बॉलीवुड के फेमस विलेन प्रेम चोपड़ा से हुई। इस तरह प्रेम चोपड़ा कृष्णा के बहनोई यानी जीजा बन गए। ये शादी कृष्णा ने ही करवाई थी। उन्होंने ही पति राज कपूर को प्रेम चोपड़ा के पास उमा से शादी करने का प्रस्ताव लेकर भेजा था।

 

राज कपूर और कृष्णा दोनों की मुलाकात भी बड़ी खास थी क्योंकि इसके पीछे भी एक किस्सा है। पृथ्वीराज कपूर नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मी और निजी जिंदगी को मिक्स करे। वह एक पारंपरिक लड़की घर बहू बनाकर लाना चाहते थे और अरेंज मैरिज ही चाहते थे। करतारनाथ भी पृथ्वीराज के ममेरे भाई लगते थे और जब पृथ्वीराज रीवा में थियेटर कर रहे थे तो उनका रिश्ता और गाढ़ा हो चुका था और वह अपनी रिश्ते को और गहरा करना चाहते थे। जब राज रीवा में उनके बंगले में पहुंचे तो उन्हें एक कमरे में सफेद साड़ी पहने और बालों में मोगरे के फूल लगाए सितार बजाए एक लड़की दिखी जो कृष्णा मल्होत्रा थी। वह म्यूजिक सीख रही थी और राज भी अंदर गए, इस तरह दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। शादी के बाद भी कृष्णा अधिकतर सफेद साड़ियां पहनती थीं और बालों में मोगरा लगाती थीं ऐसा इसलिए क्योंकि राज कपूर को ये पसंद था।

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लेकिन उस समय जब दोनों की शादी हुई तो एक मैगजीन ने छापा था कि अपने दूर के रिश्ते की बहन (कज़िन) से शादी करके राज कपूर ने अपना करियर खत्म कर लिया है।”


शादी के 9 महीने बाद 15 फरवरी 1947 को उनके घर पहले बच्चे का जन्म हुआ और जिसका नाम रखा गया रणधीर कपूर। बाद में उनके घर रितु, ऋषि, रीमा और राजीव का जन्म हुआ। आगे चलकर उनके तीनों बेटे बॉलीवुड के एक्टर बने। फिर रणधीर ने एक्ट्रेस बबीता, ऋषि कपूर ने नीतू कपूर से शादी की। उनकी बेटी रितू के बेटे निखिल नंदा की शादी अमिताभ की बेटी श्वेता बच्चन से हुई।

 

अमीर खानदान में पली कृष्णा को खाना बनाना नहीं आता था लेकिन शादी के बाद उन्होंने खुद को परफेक्ट बना लिया और घर की परफेक्ट होस्ट बन गई। उन्होंने पाये से लेकर यखणी पुलाव और जंगली मटन सब बनाना सीखा क्योंकि राज कपूर जब घर में घुसते थे तो सबसे पहले किचन में ही जाते थे ये देखने के लिए कि क्या बन रहा है। राज कपूर जो भी पार्टीज देते थे उसकी सारी अरेंजमेंट्स कृष्णा जी ही करती थीं। खुद कहते थे – “मैं तो बस इनवाइट करता हूं, करती सब मेरी बीवी है।”

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राज कपूर के अफेयर्स की खबरों के बीच में कृष्णा ने अपने घर को टूटने नहीं दिया। बच्चे के लिए वह मां और पिता दोनों का रोल अदा करती रही क्योंकि राज कपूर अपने काम में डूबे रहते थे। अगर आज कपूर खानदान के नाती-पोते इतने पढ़े-लिखे और पॉलिश्ड हैं तो उसकी वजह भी कृष्णा कपूर ही रही हैं।

 

एक समय राज कपूर की फिल्में फ्लॉप होने लगी। नरगिस जिन्हें वो बेइंतहा प्यार करते थे वो दूर हो गई। दरअसल नरगिस राज कपूर से शादी करना चाहती थी हालांकि वह जानती थी कि राज मैरिड हैं लेकिन नरगिस को उम्मीद थी कि दोनों की शादी होगी लेकिन जब नरगिस को इस बात का यकीन हो गया कि राज अपनी पत्नी को नहीं छोड़ेंगे तो उन्होंने आरके स्टूडियो से बाहर फिल्में साइन करनी शुरू की। नरगिस के अलग होने पर राज कपूर शराब में डूब गए और उनकी हालत खराब होती गई। एक इंटरव्यू में में कृष्णा ने कहा था कि – “एक के बाद एक, हर रात वो (राज कपूर) शराब पीकर आते थे और बाथटब में बैठकर रोते थे।” कहा जाता है कि एक पार्टी में नरगिस कृष्णा से मिली और उन्होंनेकहा था कि उनकी जिंदगी में जितने तूफान आए हैं वो ही उनके लिए जिम्मेदार हैं जिस पर कृष्णा ने उन्हें माफ करते हुए कहा था कि  “अगर मैं नहीं होती तो मेरी जगह कोई और होती।”

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इसके बाद राज का अफेयर वैजयंतीमाला के साथ हुआ। इससे कृष्णा इतना नाराज हुई कि बच्चों को लेकर घर छोड़कर चली गई। इस बारे में ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में लिखा – “मुझे याद है हम (बच्चे) लोग मॉम के साथ मरीन ड्राइव पर बने नटराज होटल में चले गए। तब पापा का वैजयंतीमाला के साथ प्यार में पड़े थे। होटल के बाद, हम दो महीने के लिए चित्रकूट में एक दूसरे अपार्टमेंट में रहने लगे। पापा ने वो अपार्टमेंट मां और हमारे लिए खरीदा था। बाद में उन्होंने मां को वापस अपने पास बुलाने के लिए जो संभव था सब किया लेकिन मां तब तक टिकी रहीं जब तक उन्होंने अपनी जिदंगी से वैजयंतीमाला का अध्याय बंद नहीं किया।” राज कपूर रोज उनके पास जाते थे और दरवाजा खटखटाते थे लेकिन कृष्णा नहीं खोलती थीं। बाद में इनकम टैक्स का कोई मसला हो गया तब जाकर वे घर लौटीं।

 

राज कपूर ने भी अपने एक इंटरव्यू में अफेयर्स और पत्नी के साथ रिश्ते को लेकर कहा था,  मेरी पत्नी मेरी एक्ट्रेस नहीं है और मेरी एक्ट्रेस मेरी वाइफ नहीं हैं। वाइफ से मेरा मतलब है, मेरे बच्चों की मां। मेरी घर की लाइफ अलग थी। मैंने न तो अपनी वाइफ को अपनी एक्ट्रेस बनाने की कोशिश की, न ही अपनी एक्ट्रेस को अपनी वाइफ। मेरे बच्चों की मां कभी मेरी एक्ट्रेस नहीं होनी थी, इसलिए उसे कभी नहीं लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है और इसी तरह जो एक्ट्रेस मेरे पास आई तो मेरी एक्ट्रेस की तरह, मेरे बच्चों की मां की तरह नहीं।”

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कृष्णा के बारे में राज ने सिमी ग्रेवाल को बताया था कि कृष्णा उनकी जिंदगी में कितनी सारी खुशियां लेकर आई हैं। वो उनकी जिंदगी का सहारा हैं। वह उनसे प्यार करते हैं और बहुत अधिक अहसानमंद भी है। जब सिमी ने पूछा कि उन्होंने ये बातें कृष्णा को बताई तो राज कपूर बोले- “नहीं, नहीं! इससे तो उसको पावर मिल जाएगी ना। मुझ पे बहुत रौब जमाएगी!” मज़ाक के उलट उन्होंने गंभीर होकर कहा – “जब मैं मर रहा होऊंगा तो अपनी आखिरी घड़ी में मैं उसे सबकुछ कह दूंगा। वादा रहा!”


 2 जून 1988 को राज कपूर का निधन हो गया। वह 30 अप्रैल को मुंबई से दिल्ली रवाना हुए थे और 2 मई को उन्हें राष्ट्रपति द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। उसके बाद उनकी तबीयत खराब होती गई, उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। एक महीने बाद उनका निधन हो गया। उनकी देह को पैसेंजर सीट पर बैठाकर लाया गया, शोमैन की तरह। कृष्णा तब भी उनके साथ थीं। उसके बाद कृष्णा ने पूरे परिवार को संभाला और वह हर फंक्शन में अपनी बहु-बेटियों के साथ नजर आती रही। 1 अक्तूबर 2018 को वह भी दुनिया को अलविदा कह गईं। कृष्णा राज कपूर, एक ऐसी महिला जिसे कपूर खानदान को संजोए रखा।

 

 

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