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एक्सरसाइज और वर्कआउट न करने वाले लोगों में कोविड-19 के परिणाम खतरनाक- स्टडी

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 26 Apr, 2021 01:42 PM
एक्सरसाइज और वर्कआउट न करने वाले लोगों में कोविड-19 के परिणाम खतरनाक- स्टडी

एक्सरसाईज़ और वर्कआउट करने से जहां हमारा शरीर फिट और स्वस्थ रहता हैं वहीं यह हमारे शरीर को निरोगी भी बनाता हैं। देश में चल रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच जहां हर दूसरा व्यक्ति इसकी चपेट में आ रहा हैं वहीं हमें इससे बचने के लिए हर रोज़ व्यायम करना चाहिए। 
 

 

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हाल ही में एक रिसर्च में भी दावा किया गया है कि जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं, उनमें कोविड-19 के परिणाम ज्यदा घातक साबित हो सकते हैं।  ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग एक्सरसाइज, वर्कआउट नहीं करते उनमें कोरोना से मौत की आशंका ज्यादा है। बतां दें कि यह स्टडी लगभग 50 हजार कोरोना संक्रमित लोगों के बीच जनवरी 2020 में की गई। जिसमें यह पता लगा कि एक्सरसाईज़ न करने वाले लोगों में इस बिमारी का ज्यादा असर देखा गया हैं। यहां तक कि इन लोगों में मृत्यु दर भी ज्यादा देखी गई हैं। 
 

जानकारी के लिए आपकों बतां दें कि इस समय पूरी दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप छाया हुआ हैं। जो लोग वैक्सीन लगा चुके हैं उनमें कोरोना से मौत का आंकड़ा बेहद कम हैं वहीं जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, उनमें कोरोना का खतरा ज्यादा है। 
 

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उधर दूसरी तरफ जो लोग वैक्सीन लगा चुके हैं उन्हें फिर से कोरोना हो रहा है ऐसे में हमें इस वायरस से बचने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करना जरूरी है। अमेरिकी संस्था Centers for Disease Control and Prevention (CDC) ने कोविड-19 के लिए कई जोखिमों की पहचना की है। जिनमें बढ़ती उम्र, शुगर, मोटापा और हृदय रोग शामिल हैं। संस्था ने दावा किया है कि अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें से कोविड-19 जैसी महामारी भी शामिल हैं। 
 

50 हज़ार लोगों पर किए गए सर्वे के मुताबिक जिन लोगों ने दो साल से कोई एक्सरसाइज नहीं की उन्में सबसे ज्यादा संक्रमण देखा गया हैं। वहीं एक्सरसाईज़ न करने वाले  मरीजों में मोटापा और हाईब्लड प्रैशर जैसे लक्षण भी दिखाई दिए। सर्वे के मुताबिक, कोविड मरीजों में से जिन लोगों ने शारीरिक व्यायाम नहीं किया था उनमें से 8.6 फीसद को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। 2.4 फीसद आइसीयू में भर्ती किए गए और 1.6 फीसद की मौत हो गई। जिन लोगों ने लगातार व्यायाम किया उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत ही नहीं पड़ी।
 

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