इन दिनों चारों तरफ महिलाओं के टी-20 वर्ल्ड कप की चर्चा हो रही है। भारत की बेटियां भी वर्ल्ड कप में अपना शानदार प्रदर्शन दे रही हैं। ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहीं शिखा पांडे की इंस्पायरिंग कहानी। आज शिखा एक बहुत बड़े मुकाम पर हैं यह बात तो सभी जानते हैं। लेकिन उसके पीछे का मेहनत से बहुत कम लोग ही परिचित हैं। आइए जानते हैं उनका यहां तक पहुंचने का सफर कैसा रहा...
बचपन से ही क्रिकेट खेलना पसंद करती हैं शिखा
शिखा मूल रुप से तेलंगाना के करीमनगर नाम के छोटे शहर से हैं। शुरुआत से ही शिखा का ध्यान पढ़ाई पर था और शायद ही उन्होनें कभी सोचा होगा कि एक दिन वो क्रिकेट खेलेंगी। स्कूल की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद शिखा ने गोवा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसी दौरान शिखा ने क्रिकेट खेलना शुरु किया और देखते ही देखते वो आज क्रिकेट की दुनिया में अपनी खास जगह बना चुकी हैं।
कॉलेज के बाद नहीं की नौकरी
इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद शिखा को नौकरी के कई ऑफर मिले, लेकिन उन्होनें क्रिकेट को देखते हुए ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद शिखा 2011 में वायु सेना में शामिल हुईं। वहीं क्रिकेट की दुनिया में उन्होनें साल 2014 में कदम रखा।
खराब प्रदर्शन की वजह से बाहर हो गईं थी शिखा
हर खिलाड़ी के जीवन में एक ऐसा समय जरुर आता है जब उनके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव होता है। शिखा ने इसी समय का सामना किया लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी। दोबारा मेहनत करते मैदान में कमबैक किया।
भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं शिखा
शिखा उन गिने चुने खिलाड़ियों में से एक हैं जो भारतीय वायु सेना के लिए कार्य कर रहे हैं। बता दें शिखा भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर भी भारतीय वायु सेना के लिए काम करते हैं।