सर्दियों में बड़ों को तो अपनी सेहत का ध्यना रखना ही होता है, बच्चों का भी इस मौसम में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। बच्चा अगर ज्यादा छोटा हो तो एक्स्ट्रा केयर की जरूरत है। यहां कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप सर्दी के मौसम में भी अपने नन्हे-मुन्ने को पूरी तरह स्वस्थ रख सकती हैं।
नहलाना और मालिश
वैसे तो शिशु को रोज नहलाना जरूरी है। अगर ठंड ज्यादा हो तो एक दिन छोड़कर नहलाया जा सकता है। इसके लिए गुनगुने पानी में सॉफ्ट एंटीबैक्टीरियल लिक्विड डालकर उसमें तौलिया भिगोकर उसका शरीर साफ करें। पानी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। हां, शिशु के कपड़े रोजाना दो बार जरूर बदलें। नहलाने के बाद तेल से मालिश जरूरी है। इसके लिए बादाम, ऑलिव या नारियल तेल का इस्तेमाल करें। इन सभी में त्वचा को स्वस्थ्य रखने वाले तत्व होते हैं। मालिश गर्म तेल से ही करें। बाजार के कैमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें।
त्वचा पर बड़ों का प्रोडक्ट न करें इस्तेमाल
व्यस्कों और शिशुओं की त्वचा अलग होती है। शिशुओं की त्वचा पर बड़ों के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से उन्हें नुक्सान पहुंच सकता है। अगर आपको यह प्रोडक्ट इस्तेमाल करने हैं, तो विश्वसनीय ब्रांड का ही प्रयोग करें। मार्कीट में बच्चों के लिए अलग से साबुन, क्रीम, पाऊडर और मॉयश्चराइजर उपलब्ध हैं।
गर्म कपड़े पहनाएं
बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कपड़ों की बड़ी भूमिका है। इसमें जरा-सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए जैसे ही मौसम बदले, बच्चे को गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दें। कम सर्दी को भी अनदेखा न करें।
ठंडी चीजों से करें परहेज
बच्चा सात महीने से ज्यादा का है और थोड़ा-थोड़ा खाने लगा हो तो भूलकर भी उसे खाने के लिए ठंडी चीजें न दें। बासी या ठंडा खाना देने से के भी परहेज करें।
घर और बिस्तर रखें गर्म
जिस कमरे में बच्चा हो उसे गर्म रखने का प्रयास करें। तापमान में ज्यादा गिरावट हो तो बिजली वाले उपकरण जैसे हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल कमरे का तापमान सामान्य करने के लिए करें। इसकी आदत न डालें। बच्चे के पास लकड़ियां बिल्कुल भी न जलाएं। उसका धुआं नुक्सान पहुंचा सकता है। बिस्तर गर्म करने के लिए हॉट वाटर बॉटल का इस्तेमाल करें। जब बच्चे को बिस्तर पर लेटाएं तो बॉटल वहां से हटा लें।
रात में सर्दी से बचाएं
बच्चे को रात में सर्दी से बचाना जरूरी है, पर इसके लिए बहुत ज्यादा कंबल या रजाई उस पर न डालें। इस बात का ख्याल रखें कि ढंकने के बाद भी वह आसानी से सांस ले सकें।