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सीढ़ियों की गलत दिशा से हो सकता है दुर्भाग्य, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 17 Aug, 2025 04:49 PM
सीढ़ियों की गलत दिशा से हो सकता है दुर्भाग्य, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

 नारी डेस्क: जब हम नया घर बनवाते हैं तो रसोई, पूजा घर, शयनकक्ष आदि की दिशा को लेकर वास्तु का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन अक्सर एक चीज़ को नजरअंदाज कर देते हैं  और वो है सीढ़ियों की दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां किस दिशा में बनी हैं, कैसी बनी हैं, कितनी संख्या में हैं  ये सभी बातें हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि पर बड़ा असर डालती हैं। आइए जानते हैं सरल भाषा में कि सीढ़ियों से जुड़ा वास्तु क्या कहता है

सीढ़ियों की दिशा कैसी हो?

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में सीढ़ियां नहीं बनानी चाहिए। यह दिशा देवताओं की मानी जाती है और यहां हलकापन शुभ माना जाता है। इस क्षेत्र में सीढ़ी बनाना वास्तु दोष पैदा करता है। नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में सीढ़ियां बनाना सबसे शुभ होता है। यह दिशा भारी वस्तुओं के लिए उपयुक्त मानी जाती है, इसलिए यहां सीढ़ी होना अच्छा माना गया है। वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में भी सीढ़ियां बन सकती हैं, लेकिन इस स्थिति में ध्यान रखें कि वे पूर्वी या उत्तरी दीवार को छूती न हों।

सीढ़ियों की संख्या कैसी हो?

सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम (Odd numbers) में होनी चाहिए जैसे: 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 21 आदि। सम (Even) संख्या की सीढ़ियां अशुभ मानी जाती हैं, इससे घर में नेगेटिव एनर्जी का प्रवेश होता है।

सीढ़ियों की बनावट और दिशा

सीढ़ियां चढ़ते समय दाईं ओर घूमती हों, तो ये शुभ माना जाता है। सीढ़ियां कभी भी गोल या भवन को लपेटती हुई नहीं होनी चाहिए। इस तरह की सीढ़ियां वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं। सीढ़ियों के शुरुआत और अंत में मजबूत दरवाजे होने चाहिए। नीचे वाला दरवाजा ऊपर वाले से बड़ा या बराबर होना चाहिए।

उतरते-चढ़ते समय दिशा का रखें ध्यान

जब आप सीढ़ियां चढ़ रहे हों तो मध्य तक पश्चिम या दक्षिण की ओर चेहरा हो। मध्य बिंदु पार करते ही चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर हो जाए, तो यह सकारात्मक ऊर्जा देता है। उतरते समय भी पूर्व या उत्तर की ओर चेहरा होना अच्छा माना जाता है।

 सीढ़ियों के सामने क्या हो?

उतरते समय अगर आपकी नजर ईश्वर की तस्वीर या कोई शुभ यंत्र पर पड़े, तो यह मानसिक शांति देता है। अगर सीढ़ियां घर में प्रवेश करते ही सीधी ऊपर दिखती हैं तो वहां दोनों ओर फूलों के गमले रखें, इससे तनाव की ऊर्जा कम होगी।

सीढ़ियों के नीचे क्या न बनाएं?

सीढ़ियों के नीचे शयनकक्ष, पूजा घर, बैठक या शौचालय नहीं बनाना चाहिए। इस जगह का उपयोग स्टोर रूम या गोदाम के रूप में किया जा सकता है।

अन्य जरूरी बातें

सीढ़ी की शुरुआत कभी भी त्रिकोण आकार की सीढ़ी से न करें। सीढ़ियां घर के मध्य में या मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं होनी चाहिए। सीढ़ियां कभी भी घर की पूर्वी और उत्तरी दीवार को छूते हुए न बनें।

सीढ़ियां केवल एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर जाने का जरिया नहीं हैं, बल्कि ये घर की ऊर्जा का प्रवाह तय करती हैं। गलत दिशा, गलत संख्या या गलत बनावट घर में नकारात्मक ऊर्जा, तनाव और असफलता ला सकती है। यदि आप घर बना रहे हैं या रेनोवेशन करवा रहे हैं, तो सीढ़ियों के वास्तु का विशेष ध्यान रखें।  

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